सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया, सीबीआई की भोपाल शाखा ने इस साल 24 अक्टूबर को उज्जैन में पदस्थ सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स अधीक्षक मुकेश खत्री, राजस्थान के कोटा में पदस्थ सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स अधीक्षक धर्मसिंह मीणा एवं एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एक शिकायत मिलने पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम-1988 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
इन आरोपियों ने शिकायतकर्ता से यह धमकी देकर 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी कि यदि वह उनकी मांग को पूरी नहीं करता है, तो उसे भी उसके (शिकायकर्ता के) दोस्त सुधीर गुप्ता के मामले में फंसा लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कि मीणा ने सुधीर गुप्ता के खिलाफ नारकोटिक्स ड्रग्ज एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंसेस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत कोटा में मामला दर्ज किया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि मीणा ने यह रिश्वत खत्री के जरिए शिकायतकर्ता से मांगी थी।
प्रवक्ता ने बताया, सीबीआई भोपाल ने इन तीनों आरोपियों के खिलाफ कल इंदौर सीबीआई अदालत के विशेष जज के समक्ष चालान पेश किया। इसके बाद इन तीनों आरोपियों ने जमानत की गुहार लगाई, लेकिन अदालत ने इन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। (भाषा)