भोपाल के पं. खुशीलाल आयुर्वेदिक संस्थान में आयोजित आयुर्वेद महापर्व 2025 के अंतर्गत तीन दिवसीय अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने आयुर्वेद की महत्ता बताते हुए कहा कि जो एक बार आयुर्वेद को जान लेता है वो फिर किसी और को नहीं मानता। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हजारों साल पुरानी परंपरा है लेकिन पूरी दुनिया अब इसे जानने के लालायित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी योग विधा के ब्रांड एंबेसडर बन चुके हैं जिन्होंने योग और आयुर्वेद के ज्ञान को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आयुर्वेद से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैंने स्वयं आयुर्वेद के असर को महसूस किया। वे निरंतर एक घंटे योग को देते हैं जिसका उन्हें बहुत लाभ पहुंचा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में शासकीय स्तर पर 11 आयुर्वेदिक कॉलेज खोले जाएंगे। उन्होंने एक साथ कई बड़े ऐलान करते हुए कहा कि आयुर्वेद कॉलेजों में डॉक्टरों के साथ साथ अब नर्सिंग और पैरामेडिकल के कोर्स भी कराए जाएंगे।
अब आयुष विभाग करेगा पंजीयन-मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि आयुर्वेद से जुड़े क्लीनिक और नर्सिंग होम के पंजीयन की प्रक्रिया अब तक स्वास्थ्य विभाग करता था जिसमें कई प्रकार की परेशानी होती थी लेकिन अब आयुर्वेद विभाग से जुड़े क्लीनिक और नर्सिंग होम का पंजीयन आयुष विभाग ही करेगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि सम्राट विक्रमादित्य की न्याय परंपरा के आधार पर उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय वैदिक न्यायालय बनाया जाएगा। इसके निर्माण सरकार की ओर से हरसंभव मदद की जाएगी। साथ ही दोहराया कि उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान खोला जाएगा जिसका प्रस्ताव भारत सरकार के पास विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि अब यूनानी चिकित्सा की शिक्षा भी हिंदी भाषा में दी जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि अगला आयुर्वेद सम्मेलन उज्जैन में आयोजित कराने के प्रयास करेंगे। उन्होंने कुंभ की तैयारियों के मद्देनजर कहा कि हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन का विकास करेंगे। जहां सभी आचार्य महामंडलेश्वर को, सभी अखाड़ों को, संतो को, प्रवचन करने वालों को, आयुर्वेद में विश्वास करने वाले सभी संस्थाओं को हम उज्जैन में भूमि उपलब्ध कराएंगे।