-वेबदुनिया न्यूज
इंदौर। कोरोनावायरस (Coronavirus) काल में लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चाहे वह अस्पताल में लाश को कुतरने की बात हो या फिर मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं करने की बात। ताजा मामला इंदौर के CHL अस्पताल से जुड़ा मामला है।
दरअसल, एक वायरल वीडियो में एक महिला की CHL के अस्पताल स्टाफ के साथ कहा-सुनी हो रही है। जब वेबदुनिया ने इस महिला से फोन पर बात की तो निकिता नामक इस महिला ने बताया कि वे कान के दर्द के चलते अस्पताल में इलाज के लिए गई थीं।
उन्होंने बताया कि जब वे ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलने के मकसद से काउंटर पर गईं तो उन्हें बताया गया कि पहले कोरोना टेस्ट के लिए चेस्ट का एक्सरे कराइए उसके बाद ही आपकी डॉक्टर से मुलाकात संभव हो पाएगी।
महिला के मुताबिक जब उन्होंने कहा कि मुझे किसी भी तरह के कोरोना के लक्षण नहीं हैं और मुझे तो सिर्फ कान का इलाज का करवाना है। ऐसे में मैं 400-500 रुपए खर्च कर अलग से एक्सरे क्यों कराऊं। उन्हें बताया गया कि यह अस्पताल की गाइड लाइन है।
महिला का आरोप है कि जब अस्पताल के काउंटर पर बैठे स्टाफ से उनके पति ने बात की तो उनके साथ बदतमीजी भी की गई। इतना ही नहीं कोरोना टेस्ट की बात कहने वाले अस्पताल स्टाफ के लोग स्वयं बिना मास्क के बैठे हुए थे। अर्थात वे स्वयं ही सरकार की कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं कर रहे थे।
निकिता ने बताया कि जब हमने इस सिलसिले में अस्पताल के चेयरमेन राजेश भार्गव से बात की तो मास्क नहीं लगाने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात तो की, लेकिन एक्सरे को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जब वेबदुनिया ने राजेश भार्गव से बात करनी चाही तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता।