सीएम डॉ. मोहन यादव ने स्टूडेंट्स को दिया मेगा गिफ्ट, जानें कितने छात्रों को मिली ई-स्कूटी, मिले जीवन जीने के मंत्र

विकास सिंह

बुधवार, 5 फ़रवरी 2025 (16:10 IST)
भोपाल।'हमें भारत को महान देश बनाना है। हमारे प्रतिभावान छात्रों को इस बात पर भी विचार करना चाहिए। हमें केवल अपने तक ही सीमित नहीं रहना है, बल्कि पूरे देश के विकास में भूमिका अदा करनी है। हमें अपने अंदर योग्यता के साथ-साथ नैतिकता का भी विकास करना है। नैतिकता ही हमें ऊंचाई की ओर ले जाती है।' यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छात्रों से कही। मौका था 5 फरवरी को कुशाभाऊ ठाकरे कंवेंशन सेंटर में आयोजित स्कूटी-वितरण कार्यक्रम का।

इस मौके पर सीएम डॉ. यादव ने छात्रों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का उदाहरण दिया। इस मौके पर उन्होंने छात्रों को जीवन के मंत्र दिए। उन्होंने छात्रों को शिक्षक, किसान, नेता, और उद्योगपति बनने के लिए भी प्रेरित किया। उद्बोधन के बाद उन्होंने हजारों छात्रों को ई-स्कूटी प्रदान की।

बता दें, कार्यक्रम के दौरान कंवेंशन सेंटर का हॉल छात्रों से खचाखच भरा था। जैसे ही सीएम डॉ. यादव ने हॉल में प्रवेश किया, वैसे ही छात्रों ने जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस मौके पर छात्रों के मन की बात भी जानी। उन्होंने छात्रों से पूछा कि वे जिंदगी में क्या बनना चाहते हैं। इस सवाल के जवाब में किसी ने कहा कि वह आईएएस बनना चाहता है, किसी ने कहा कि वह साइंटिस्ट बनना चाहता है, किसी ने कहा कि वह फॉरेन सर्विस में जाना चाहता है। सीएम डॉ. यादव ने उनकी बातों को सराहा और कई कहानियां सुनाकर उन्हें लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

सीएम डॉ. यादव ने छात्रों को रावण का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि रावण के पास सुख-सुविधाओं के लिए सबकुछ था। लेकिन, उसमें नैतिकता की कमी थी। इस वजह से उसका अंत भी हुआ। हमारे अंदर योग्यता तो होनी ही चाहिए, लेकिन नैतिकता भी जरूरी है। नैतिकता ही वह माध्यम है जो हमें जीवन मे ऊंचाई की ओर ले जाता है। प्रतिभावान छात्रों को चाहिए कि वे समाज-राज्य और देश के विकास का भी विचार करके चलें।

इतने छात्रों को मिलीं स्कूटी-गौरतलब है कि बुधवार का दिन प्रदेश के प्रतिभावान छात्रों के लिए बेहद खास रहा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार ने 7900 छात्रों को ई-स्कूटी प्रदान की।  ये वो छात्र थे, जिन्होंने एमपी बोर्ड के शैक्षणिक-सत्र की 12वीं की परीक्षाओं में सबसे ज्यादा नंबर हासिल किए। स्कूटी देने की यह योजना स्कूल शिक्षा विभाग संचालित करता है। वह परीक्षा के बाद पूरे प्रदेश से इंटेलिजेंट स्टूडेंट्स के आंकड़े जुटाकर उनका चयन करता है। इससे पहले भी हजारों छात्रों को सरकार स्कूटी दे चुकी है।

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