इंदौर (मध्यप्रदेश)। सैन्य बलों में भर्ती की नई 'अग्निपथ' योजना को लेकर युवाओं के जारी विरोध के बीच भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को रविवार को अपने इस बयान के लिए कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा कि अगर उन्हें पार्टी कार्यालय में सुरक्षा रखनी है तो वह किसी पूर्व अग्निवीर को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने युवाओं के लिए इस योजना के अलग-अलग फायदे गिनाते वक्त यह बात कही।
अपने बयान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया के बाद विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि 'टूलकिट' गिरोह से जुड़े लोग उनके कथन को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करके कर्मवीरों के अपमान की कोशिश कर रहे हैं। विजयवर्गीय ने इंदौर के भाजपा कार्यालय में कहा कि सेना के प्रशिक्षण में अनुशासन एवं आज्ञा का पालन करना सबसे प्रमुख है, और अग्निपथ योजना के तहत सेवा के दौरान युवाओं में दोनों गुणों का विकास होगा।
भाजपा महासचिव ने आगे कहा, मुझे अगर भाजपा के इस कार्यालय में सुरक्षा रखनी है, तो मैं (पूर्व) अग्निवीर को प्राथमिकता दूंगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भाजपा सांसद वरुण गांधी समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने विजयवर्गीय के इस बयान पर निशाना साधा है।
अपने बयान पर बवाल मचने के बाद विजयवर्गीय ने ट्वीट कर सफाई दी, अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित एवं कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे। सेना में सेवाकाल पूर्ण करने के बाद वे जिस भी क्षेत्र में जाएंगे, वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा। मेरा आशय स्पष्ट रूप से यही था।
उन्होंने आगे कहा, टूलकिट गिरोह से जुड़े लोग मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करके कर्मवीरों का अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं। यह देश के कर्मवीरों का अपमान होगा। राष्ट्रवीरों-धर्मवीरों के खिलाफ इस टूलकिट गिरोह के षड्यंत्रों को देश भलीभांति जानता है।