भोपाल। मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा एक बार फिर विवादों में आ गई है। मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल की पटवारी भर्ती परीक्षा में ग्वालियर के एक ही कॉलेज के सात उम्मीदवारों के टॉप 10 में जगह बनाने के बाद परीक्षा में गड़बड़ी के सवाल उठने लगे है। ग्वालियर के जिस एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट सेंटर के कुल 114 उम्मीदवारों का सेलेक्शन हुआ है, वह भाजपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह का है। संजीव सिंह कुशवाह बसपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे और वह वर्तमान में भिंड से विधायक है। वहीं पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का मुद्दा विधानसभा में भी गूंजा।
भाजपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह के कॉलेज से ही इतने बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का सेलेक्शन होने और 7 उम्मीदवारों के एक साथ टॉप 10 में जगह बनाने के बाद कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि “प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के समाचार सामने आ रहे हैं। कई टॉपर एक ही सेंटर पर परीक्षा देकर सफल हुए बताए जा रहे हैं। एक बार फिर फ़र्ज़ीवाडे के तार बीजेपी से जुड़े दिख रहे हैं। व्यापाम, नर्सिंग, आरक्षक भर्ती, कृषि विस्तार अधिकारी और ऐसी ही कितनी ही भर्ती परीक्षाओं ने अंत में घोटाले का रूप लिया है। नौकरी देने के नाम पर भर्ती घोटाला करना शिवराज जी की सरकार का चरित्र बन गया है। इनसे तो जाँच की माँग करना भी बेकार है क्योंकि हमेशा बड़ी मछलियों को बचा लिया जाता है। मेरी माँग है कि कोई स्वतंत्र एजेंसी मामले की जाँच करे और उन लाखों बेरोज़गारों के साथ न्याय करे जो इन प्रतियोगी और भर्ती परीक्षाओं में शामिल होते हैं। मध्य प्रदेश अब भ्रष्टराज से मुक्ति चाहता है”।
सरकार का गड़बड़ी से इंकार-पटवारी भर्ती परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की आंशका को सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है। सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पटवारी भर्ती परीक्षा में कोई अनियमितता नहीं हुई है। कर्मचारी चयन मंडल ने मई और जून में परिणाम घोषित कर दिए थे और अब विधानसभा सत्र के दौरान कमलनाथ का ट्वीट आ रहा है। अब तक कोई शिकायत नहीं आई। कांग्रेस चुनाव को देखते हुए पुराने मामले को लेकर ट्वीट कर रही है।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में 8 हजार 600 उम्मीदवार सेलेक्ट हुए थे। ग्वालियर के सेंटर से 114 उम्मीदवार सेलेक्ट हुए थे। मध्यप्रदेश में 13 शहरों में कुल 78 सेंटर पर 9 लाख 78 हजार उम्मीदवारों ने पेपर दिया था। पूरी परीक्षा 35 दिन चली थी और परीक्षा में 70 प्रश्न पत्र के सेट तैयार किए गए थे। परीक्षा में टॉप 10 में जगह बनाने वाली 6 बेटियां है उन्हें बदनाम नहीं करना चाहिए।