उन्होंने आज कहा, मैं अपने इस बयान पर अब भी कायम हूं। केरल में सरेआम गौहत्या से देश की कौमी एकता के सामने खतरा पैदा हो गया है। अपने निहित स्वार्थों के लिए ऐसा खतरा पैदा करने वाले व्यक्तियों को कतई बख्शा नहीं जाना चाहिए, भले ही वे किसी भी दल से जुड़े हों। पूर्व लोकसभा सांसद तब भी चर्चा में आए थे, जब उन्होंने गाय को ‘राष्ट्रीय पशु धन’ घोषित करने के लिए मध्यप्रदेश में करीब तीन महीने पहले हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की थी।
वर्मा ने कहा, गौरक्षा के लिए चलाए जा रहे इस हस्ताक्षर अभियान को कुछ भाजपा नेताओं ने भी अपना समर्थन दिया है। गौमाता को राष्ट्रीय पशुधन घोषित करने की मांग को लेकर मैं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र भी लिख चुका हूं।
उधर, भाजपा का दावा है कि राष्ट्रीय कांग्रेस सचिव ने सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए केरल के गौवध मामले में ट्वीट किया है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कहा, वर्मा सस्ती लोकप्रियता के लिए अक्सर इस तरह के बयान देते रहते हैं। केरल के गौवध मामले में उनके ट्वीट को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।