इस गीत की खास बात यह कि इसमें जिन वाद्ययंत्रों का उपयोग किया गया है, वह सभी वाद्ययंत्र घरों से निकले कचरे से तैयार किए गए हैं। जैसे बासुंरी प्लास्टिक की खाली बॉटल से तैयार की, पेंट के खाली डिब्बों से बीट, नारियल की कटोरी में छेद करके इकतारा बनाया गया। नन्हें कलाकार इन्हीं वाद्ययंत्रों को बजाते हुए वीडियो में देखा जा सकता है, यूट्यूब पर यह वीडियो लांच किया गया।
इन बाल कलाकारों के जबरदस्त उत्साह से भरा यह गीत 7 मार्च रविवार सुबह 10 बजे सोशल मीडिया पर रिलीज किया गया। वास्तविकता का आभास कराता हुआ यह गीत यह बताने की कोशिश करता है कि आने वाली पीढ़ी को हम किस तरह का पर्यावरण दे रहे हैं और यह भी बताता है कि नगर निगम ही नहीं बल्कि हर नागरिक की शहर को स्वच्छ और स्वस्थ रखने में उतनी ही जिम्मेदारी है।
नन्हें-मुन्ने गायकों में भूवी उपाध्याय, आभा जोशी, पलाश दुबे, रोशन मांझी, अवनी जैन, सिद्धि किल्लेदार ने अपनी आवाज दी जबकि रिदमिस्ट अजय वरुदे, रनबीर सिंह वरुदे थे। नन्हें-मुन्ने कलाकारों में खुश कुंडल, अनन्या सूर्यवंशी, आराध्या सूर्यवंशी, रियांश सिंग, आयत अहमद शेख और तौफिक अहमद शेख ने बहुत ही अच्छा कार्य किया। कॉन्सेप्ट विशाल सिंग चौहान (DMC) का है। इस वीडियो के डायरेक्टर एलेस सिंग और प्रोड्यूसर स्पेट्रल ऑडियो और नगर निगम देवास हैं।