भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील है नर्मदा पट्‍टी

सोमवार, 27 अप्रैल 2015 (17:40 IST)
-सत्येन्द्र सिंह चौहान

पंधाना। भूकंप के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील निमाड़ देश के मानचित्र में भूकंप झोन-3 में आता है। यह भूकंप की दृष्टि से कमजोर सोन-नर्मदा-ताप्ती लिनियामेंट झोन में है। यहां सन 1847 से 1992 के बीच 4 से 6.5 मैग्नीट्‍यूट क्षमता के 7 भूकंप आ चुके हैं। इसे देखते हुए नर्मदा पट्टी को संवेदनशील भूकंप संभावित क्षेत्र माना गया है।
खंडवा जिले की पंधाना तहसील में करीब 20 वर्षों से भूगर्भीय हलचल ज्यादा बढ़ी है। 11 सितंबर 1998 से सन 2002 तक अंचल के 50 से अधिक गांवों को थर्रा देने वाले करीब 2000 झटके दर्ज हुए। इस दौरान सबसे अधिक 3.1 मैग्नीट्‍यूट तीव्रता का एक झटका दर्ज हुआ था। कई बार तो एक ही दिन में 50 से अधिक झटके दर्ज हुए। इनसे किसी प्रकार की क्षति तो नहीं हुई लेकिन कुछ वर्षों तक भूकंप की दहशत बनी रही। धीरे-धीरे भूगर्भीय गतिविधियों में कमी होते-होते लगभग बंद हो गई।
 
भूगर्भीय हलचल के बाद देश के ख्यात वैज्ञानिकों ने क्षेत्र में इनका सर्वेक्षण किया। पंधाना तहसील मुख्यालय, नर्मदानगर, जिलाधीश कार्यालय, छनेरा, ओंकारेश्वर, बागली, बड़वानी, मंडलेश्वर सहित 11 स्थानों पर भूकंप मापी सिस्मोग्राफ मशीनें लगाई गई। छेगांवमाखन विकास खंड के सिरसोद में वैधशाला स्थापित की गई। भूगर्भीय हलचल पर नजर रखने के लिए वैज्ञानिकों के लगातार दौरे होते रहे, लेकिन सन 2002 के बाद जैसे-जैसे भूगर्भीय हलचलों में कमी आई वैधशाला बंद हो गई। अधिकांश स्थानों पर लगी भूकंपमापी मशीनें भी बंद हो गईं।
 
वर्तमान में पंधाना तहसील कार्यालय व नर्मदानगर, खंडवा की मशीनों में ही भूगर्भीय हलचलें दर्ज हो रही हैं। इन भूकंप मापी मशीनों से वर्तमान में भी देश विदेश में होने वाली भूगर्भीय घटनाओं की जानकारी तत्काल मिल जाती है।

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