आबकारी अधिकारी पर आरोप है कि उसने शराब ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइसेंस फीस की वसूली ही नहीं की। जिसके कारण सरकार को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हुई है। देशी और विदेशी शराब की तीन दुकानों की लाइसेंस फीस की वसूली न किए जाने की वजह से करीब ढाई करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।