वेबदुनिया की टीम ने जब राजधानी भोपाल की विभिन्न इलाकों में सड़कों का जायजा लिया तो पाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गड्ढा मुक्त करने का आदेश अफसरों ने एक तरह से गड्ढे में ही डाल दिया है। बात चाहे राजधानी में बनी प्रदेश की सबसे महंगी सड़क की हो या राजधानी को अन्य जिलों से जोड़ने वाली सड़कों की अधिकांश जगह गड्ढे-गड्ढे ही नजर आते है।
सामान्य सड़कों की बात तो दूर राजधानी में बनी प्रदेश की सबसे महंगी सड़क उद्घाटन के 9 महीने में ही उखड़ गई है। पहली बारिश में सड़क की बदहाली से सड़क की क्वालिटी पर भी सवाल उठने लगे है। स्मार्ट रोड के नाम से पहचानी जाने वाली सड़क अपनी बदहाली की गवाही खुद ही दे रही है। 43 करो़ड़ की लागत से 2.2 किलोमीटर बनी लंबी सड़क की परतें जगह-जगह से उखड़ने लगी है। गौर करने वाली बात यह है कि स्मार्ट सड़क के भूमिपूजन के समय खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सड़क की क्वालिटी को लेकर अफसरों को ताकीद किया था।
वहीं भोपाल को होशंगाबाद से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर बारिश के बाद इतने बड़े गड्ढे हो गए है कि लोगों का चलना दूभर हो गया है। बागसेवनिया थाने के सामने से गुजरने वाली मुख्य सड़क पर दोनों ओर गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे है। हैरत की बात यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बाद गड्ढे भरने के लिए सरकारी अमला पहुंचा था लेकिन ऐने मौके पर पानी भरने के चलते वह बैंरग लौट गया। जिसके बाद मुसाफिरों को बारिश के दौरान जलभराव की समस्या और बारिश नहीं होने पर धूल के गुब्बार का सामना करना पड़ रहा है।