ग्वालियर में गर्माया अंबेडकर प्रतिमा का विवाद, जिले में धारा 163 लागू,15 अक्टूबर को धरना-प्रदर्शन पर रोक

भोपाल ब्यूरो

सोमवार, 13 अक्टूबर 2025 (13:30 IST)
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाए जाने को उठा विवाद अब तूल पकड़ने जा रहा है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के  पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा के द्वारा अंबेडकर प्रतिमा लगाए जाने के विरोध और कथित टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर 15 अक्टूबर को दलित संगठनों के ग्वालियर में बड़ा विरोध प्रदर्शन करने के एलान के बाद माहौल तनावपूर्ण है। वहीं करणी सेना समेत कुछ सवर्ण संगठनों के  एडोवोकेट अनिल मिश्रा के समर्थन में आने और 15 अक्टूबर को ग्वालियर कूच के एलान के बाद पुलिस प्रशासन हाईअलर्ट पर है औऱ जिले में धारा 163 लगा दी गई है।

क्या है पूरा विवाद?- मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में  भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित किए जाने की बात सामने ई। प्रतिमा स्थापित करने को लेकर हाईकोर्ट परिसर में  चबूतरा बनाया गया। हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित किए जाने को नियम विरूद बताते हुए बार एसोसिएशन के एक गुट ने विरोध किया। वहीं कुछ वकील प्रतिमा स्थापित किए जाने के समर्थन में आ गए। इस बीच बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा के अगुवाई में वकीलों का एक गुट खुलकर प्रतिमा स्थापित किए जाने के विरोध में आ गया। इसको लेकर मई में वकीलों और भीम आर्मी के सदस्यों के बीच झमकर झड़प हुई और विरोध को शांत करने के लिए पुलिस को दखल देना पड़ा।

इस बीच हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने 5 अक्टूबर को अंबेडकर की मूर्ति लगाने का खुला विरोध करते हुए अंबेडकर को अंग्रेजों का गुलाम और एजेंट बताते हुए उन्हे गंदा और झूठा व्यक्ति बता दिया। अंबेडकर पर की गई विवादित टिप्पणी के विरोध में अब दलित संगठनों ने 15 अक्टूबर को ग्वालियर में बड़ा विरोध प्रदर्शन करते हुए एडोवोकेट अनिल मिश्रा का सबक सिखाने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर सवर्ण संगठनों ने अनिल मिश्रा का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर ग्वालियर कूच का एलान किया है। सोशल मीडिया पर लगातार दोनों संगठनों की ओर ग्वालियर कूच की पोस्ट की जा रही है जिसको लेकर अब प्रशासन अलर्ट मोड पर है। इस बीच पुलिस ने एडोवोकेट अनिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली है। वहीं अब इस पूरे मामले में भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी, ओबीसी महासभा और करणी सेना जैसे संगठनों की एंट्री हो गई है।

ग्वालियर में धारा 163 लागू- सोशल मीडिया पर दलित संगठनों ने 15 अक्टूबर को ग्वालियर में विरोध प्रदर्शन की घोषणा कर रखी है, वहीं सोशल मीडिया पर इसको लेकर तमाम तरह की पोस्ट की जा रही है। दलित संगठनों ने लोगों से 15 अक्टूबर को ग्वालियर पहुंचने की अपील की है। जवाब में सवर्ण समाज के संगठनों ने भी उसी दिन शक्ति प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी। महौल को तनावपूर्ण देखते हुए ग्वालियर जिला प्रशासन ने धारा 163 लागू कर दी है। कलेक्टर की जार आदेश के तहत ग्वालियर जिले की सीमा के भीतर किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बगैर अनुमति के प्रदर्शन, धरना, रैली, जुलूस, चल समारोह इत्यादि को प्रतिबंधित कर दिया गया है।  आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जिले में इस प्रकार के आयोजन करने के लिये सक्षम अधिकारी से अनिवार्यत: पूर्व अनुमति लेनी होगी।

सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों को चेतावनी- वहीं आदेश के जरिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मसलन फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम व एक्स इत्यादि पर भी भड़काऊ, भ्रामक व सामाजिक समरसता को बिगाड़ने वाली पोस्ट अपलोड करना व फारवर्ड करना भी प्रतिबंधित किया गया है। प्रतिबंधात्मक आदेश के जरिए किसी भी प्रकार के ऐसे कटआउट, बैनर, पोस्टर, फ्लैस, होर्डिंग्स, झंडे व लेखन आदि करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जिनमें किसी धर्म, व्यक्ति, संप्रदाय, जाति या समुदाय के खिलाफ नारे अथवा अन्य भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया गया हो।

ग्वालियर एसएसपी धर्मवीर सिंह के मुताबिक सोशल मीडिया पर भड़काऊ एवं सामाजिक समरसता को क्षति पहुँचाने वाले पोस्ट अपलोड करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। पुलिस की सायबर टीम सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखे हुए है। भड़काऊ पोस्ट अपलोड करने वालों के विरूद्ध जाँच एवं एफआईआर की कार्रवाई की जायेगी। अब तक पुलिस ने सोशल मीडिया पर से 250 से अधिक पोस्ट हटाने के साथ ऐसे अकाउंट को संचालित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है।

वहीं जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर जिला शांति समिति की बैठक कलेक्टर एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने समिति के सदस्यों से आग्रह किया है कि बुद्धिजीवी होने के नाते भड़काऊ पोस्ट डालने वालों को फोन करके समझाएं, जिससे कानूनी कार्रवाई की नौबत न आए। देश भर में ग्वालियर शहर कला, संस्कृति, संगीत और ऐतिहासिक वैभव के लिये जाना जाता है। हम सबको मिलकर ऐसी कोई भी छोटी से छोटी घटना नहीं होने देना है, जिससे ग्वालियर की छवि धूमिल हो।
 

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