उन्होंने कहा कि हमें पता चला है कि बिजलपुर क्षेत्र में शनिवार रात पथराव और वाहनों में आगजनी की घटनाओं में शामिल लोग आंदोलनकारी किसान नहीं, बल्कि उपद्रवी थे। हम उपद्रवियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कराते हुए उन्हें गिरफ्तार करेंगे और उनसे पूरी सख्ती से निपटेंगे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चोइथराम चौराहा स्थित देवी अहिल्याबाई फल-सब्जी मंडी के बाहर कुछ लोग कल रात वाहनों की आवाजाही को बलपूर्वक रोकने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने जब लाठीचार्ज कर उन्हें वहां से खदेड़ा, तो वे पास की आम सड़क से गुजर रहे वाहनों पर पथराव करने लगे।
इस बीच, किसान आंदोलन में शामिल संगठन ‘किसान सेना’ के सचिव जगदीश रावलिया ने शनिवार रात बिजलपुर क्षेत्र में हुईं हिंसक घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि किसान आंदोलन के दौरान ऐसे वाकये सामने नहीं आने चाहिए। रावलिया ने कहा कि बिजलपुर में शनिवार रात कुछ ऐसे उपद्रवी तत्व सक्रिय हो गए थे, जो किसानों के आंदोलन को बदनाम करना चाहते हैं।
प्रदेश के किसानों ने अपनी 20 सूत्री मांगों को लेकर 1 से 10 जून तक आंदोलन की घोषणा करते हुए अनाज, दूध और फल-सब्जियों की आपूर्ति रोक रखी है। इनमें आलू और प्याज समेत सारी प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किए जाने, सभी कृषि उपज मंडियों में एमएसपी से नीचे फसलों की खरीद नहीं किए जाने को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाए जाने, कृषि ऋणों की माफी और सरकार द्वारा किसानों की सिंचित व बहुफसलीय कृषि भूमि का अधिग्रहण नहीं किए जाने की मांगें शामिल हैं। (भाषा)