विद्यालय में उसे होश में लाने के लिए उसके चेहरे पर पानी छिड़का गया, लेकिन उसके बेसुध बने रहने पर उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों के मुताबिक, अस्पताल लाए जाने से पहले ही उसकी सांसें थम चुकी थीं।
त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में हालांकि चिकित्सकों ने सीपीआर और अन्य उपाय किए, लेकिन वृंदा होश में नहीं आ सकी और उसे मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टरों का कहना है कि संभवत: शीतलहर कारण उसे अचानक दिल का दौरा पड़ा।
वृंदा के शव का जिला चिकित्सालय में पोस्टमॉर्टम किया गया। 16 वर्षीय छात्रा की ठोड़ी पर चोट का निशान मिला है और लगता है कि यह चोट उसके बेसुध होकर जमीन पर गिरने से आई। शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रा की मौत हृदयाघात से हुई।