भोपाल। कर्नाटक में लंबे सियासी नाटक के बाद आखिरकार कुमारस्वामी सरकार गिर गई है। सदन में विश्वाम मत में वोटिंग के दौरान कुमारस्वामी सरकार 99 के फेर में फंस गई और बहुमत हासिल नहीं कर पाई है।
कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिरने के बाद अब साफ हो गया है कि कर्नाटक में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनेगी जिसे विधानसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिला था।
दिल्ली में दूसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद कर्नाटक ऐसा पहला राज्य है जहां विधायकों को दलबदल के चलते होने वाले सत्ता परिवर्तन में भाजपा सत्ता में काबिज होने जा रही है।
कर्नाटक में इस राजनीतिक बदलाव के बाद ऐसे राज्य जहां कांग्रेस मामूली बहुमत से सत्ता में काबिज है, उनके भविष्य पर सवाल उठने लगा है। लोकसभा चुनाव के बाद अगर सबसे अधिक किसी सरकाऱ के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं तो वह है मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी की शीर्ष नेताओं ने भविष्यवाणी कर दी थी कि दिल्ली में मोदी सरकार बनने के बाद मध्यप्रदेश में भी एक बार फिर भाजपा की सरकार बनेगी। ऐसे में यह सवाल अब फिर खड़ा हो गया है कि क्या भविष्य में कर्नाटक जैसी कोई सियासी तस्वीर मध्यप्रदेश में भी देखने को मिलेगी।
कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश का नंबर : कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिरते ही मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार के गिरने की भविष्यवाणी कर दी है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 'जो हवा गोवा और कर्नाटक होते हुए इस तरफ आ रही है उसमें मध्यप्रदेश का पहला नंबर है और उन्हें विश्वास है मध्य प्रदेश सरकार जल्द से जल्द अपना पिंडदान करवाएगी और यहां से समाप्त होगी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के विधायकों की संख्या में कोई बड़ा अंतर नहीं है और जब पूरे प्रदेश में ट्रांसफर उद्योग चल रहा है हर तरफ लूट-खसोट मची हुई है तो ऐसे में कमलनाथ सरकार का भविष्य कितने दिनों का है यह कहना मुश्किल है।