उन्होंने बताया कि दुष्कर्म की कोशिश के दौरान जब कविता ने विरोध किया, तो बैरागी ने लोहे के पाइप से उसके सिर पर दो-तीन वार किए। विवाहिता के अचेत होने पर उसने चाकू से उसके शरीर के छह टुकड़े कर दिए। उसने इन टुकड़ों को बोरे में भरा और इस बोरे को एक पुल के नीचे फेंक दिया।