चिड़ियाघर प्रभारी ने बताया, बचाव अभियान के दौरान तेंदुआ अपनी स्थिति तेजी से बदलते हुए ऐसी-ऐसी जगहों में घुस रहा था, जहां उस पर बेहोशी का इंजेक्शन दागना मुश्किल हो रहा था। यादव ने बताया कि भारी गहमा-गहमी के बीच विशेष बंदूक से तेंदुए पर दो बार दागे गए बेहोशी के इंजेक्शन निशाने पर नहीं लगे।