उन्होंने बताया कि इस पर आनंद ने इंजन की कंपनी और गुणवत्ता अच्छी बताई। मगर लंबे समय तक जब डिलीवरी नहीं हुई, तो फ्लाइंग क्लब के कुछ सदस्य जांच के लिए भेजे गए। इसके बाद पता चला कि जिस कंपनी का इंजन दिलवाने की बात हुई थी, उस कंपनी को इस डील की जानकारी ही नहीं थी।