"प्रसाद योजना” से संवरेगी माँ पीताम्बरा की नगरी : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

विकास सिंह

शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025 (18:59 IST)
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि माँ पीताम्बरा की नगरी को प्रदेश का प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल बनने के लिये सुविधा संपन्न बनाया जाएगा। केंद्र सरकार की “प्रसाद योजना” (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentation Drive) के अंतर्गत मंदिर परिसर और उससे जुड़े क्षेत्र के विकास के लिए 44.24 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस योजना से धार्मिक स्थलों का कायाकल्प होगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण होगा। "प्रसाद योजना” का उद्देश्य भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों को स्वच्छ, सुव्यवस्थित और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक बनाना है।
 
प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति और प्रबंध संचालक म.प्र. टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्‍ला ने बताया कि पीतांबरा पीठ में पर्यटन सेवाओं के विस्तार से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। सुविधाएं बढ़ने से यह विकास तीर्थयात्रियों को आसानी होगी।
 
ब्रीदिंग स्पेसेज (खुले स्थान)-हाइवे से मंदिर की ओर लगभग 2 कि.मी. के मार्ग पर पैदल आने वाले दर्शनार्थियों एवं वरिष्‍ठ जनों को ताजी हवा, खुला वातावरण और आराम प्रदान करने के लिए विशेष रूप से खुले स्थानों का विकास किया जाएगा। इन क्षेत्रों में हरियाली, बेंच, पेड़-पौधे और विश्राम करने के लिए स्थान होंगे। इससे पर्यटकों को ताजगी का अनुभव होगा।
 
सार्वजनिक सुविधाएं-शहर के नागरिकों और पर्यटकों के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इनमें स्वच्छ पेयजल, शौचालय, बैठने की व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था, कचरा प्रबंधन और अन्य सार्वजनिक सेवाओं को उन्नत किया जाएगा। इससे शहर अधिक सुविधाजनक और सुगम बनेगा।
 
इंटरप्रिटेशन सेंटर-मंदिर प्रबंधन ने उत्तर गेट के समीप इसके लिये लगभग 1000 वर्ग मी० की भूमि उपलब्‍ध कराई है, उत्तर गेट भविष्‍य का मुख्‍य द्वार होगा। उत्तर द्वार से मंदिरों में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक इंटरप्रिटेशन सेंटर (व्याख्या केंद्र) बनाया जाएगा, जहां मंदिर के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की जानकारी दी जाएगी। प्रथम तल पर मंदिर ट्रस्‍ट का कार्यालय एवं भीड़ नियंत्रण कक्ष भी होगा।
 
रोटरी डिजाइन-ग्‍वालियर एवं झॉसी से आने वाले वाहनों/यात्रियों हेतु यातायात प्रबंधन को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए बम-बम भोले एवं हनुमान चौक पर रोटरी की डिज़ाइन की जायेगी। यह न केवल ट्रैफिक नियंत्रण में मदद करेगा बल्कि सौंदर्यीकरण में भी योगदान देगा।
 
मल्टी-लेवल कार पार्किंग-बढ़ती यातायात समस्या को ध्यान में रखते हुए, मंदिर के समीप बहु-स्तरीय कार पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। इससे वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग की समस्या कम होगी और सड़कें अधिक व्यवस्थित रहेंगी। पार्किंग के भूतल पर दुकानों की व्‍यवस्‍था होगी। इससे दुकान व्‍यवस्थित हो सकेगी एवं श्रृद्धालुओं के लिये भी सुविधाजनक होगी। भविष्‍य में मल्‍टीलेवल पार्किंग को सीधे मंदिर पाथ-वे से जोड़ा जावेगा।
 
फुटपाथ विकास-पैदल यात्रियों की सुरक्षा और सुगमता को सुनिश्चित करने के लिए फुटपाथों का पुनर्विकास किया जाएगा। इसमें समतल और मजबूत फुटपाथ, प्रकाश व्यवस्था, छाया के लिये शेड, पौध-रोपण और बैठने की सुविधाएं जोड़ी जाएंगी ताकि लोग आराम से चल सकें।
 
स्मार्ट डिस्प्ले और संकेतक-शहर में प्रमुख स्थानों, पर्यटन स्थलों, मंदिरों और सार्वजनिक सुविधाओं के बारे में जानकारी देने के लिए स्मार्ट डिस्प्ले और संकेतक लगाए जाएंगे। डिजिटल और इंटरैएक्टिव बोर्ड की मदद से यात्री और नागरिक आसानी से दिशाओं, सूचनाओं और आवश्यक सेवाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
 
आधुनिकता के साथ आस्था का संगम-इन सभी कार्यों का लक्ष्य दतिया स्थित मां पीताम्बरा पीठ को एक ऐसा धार्मिक गंतव्य बनाना है, जहाँ आस्था और आधुनिकता का समन्वय हो। इससे न केवल तीर्थयात्रियों को एक बेहतर अनुभव मिलेगा, बल्कि दतिया को सामाजिक, आर्थिक और पर्यटन की दृष्टि से भी नई ऊंचाइयाँ मिलेंगी।
 
मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर और अमरकंटक जैसे धार्मिक स्थलों को भी इस योजना के अंतर्गत क्रमशः 44.81 करोड़ और 50 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त हो चुकी है। ओंकारेश्वर में विकास कार्य पूर्ण हो गये है। अमरकंटक में विकास कार्य अप्रैल 2025 तक पूरे हो जायेंगे।
 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी