भोपाल। मध्यप्रदेश में भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर है। अतिवृष्टि और बाढ़ से ग्वालियर-चंबल संभाग के शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर एवं भिंड जिलों के अलावा रीवा जिले में लगभग 1171 गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें से कुल 200 गांव बाढ़ के पानी से अब भी घिरे हुए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में पीड़ितों को एयरलिफ्ट करने के लिए वायुसेना के 5 हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं। कई स्थानों पर पटरियां पानी में डूबी हुई है।
नदियां खतरे के निशान के ऊपर : शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर, दतिया, मुरैना जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना बुलाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। कई इलाकों में सेना की तैनाती भी की गई है। प्रदेश में कई जगहों पर जल स्तर बढ़ने के बाद बांधों के गेट खोलने से सैकड़ों गांव टापू बने हुए हैं। चंबल, पार्वती और बेतवा नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।
चौहान ने प्रभावित गांवों के लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि हम आपकी चिंता कर रहे हैं। राहत शिविर और भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दे दिए गए हैं। अफवाहों पर ध्यान न दें। सभी बांध सुरक्षित हैं, आत्म-विश्वास रखें। सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदेश में बनी अतिवृष्टि और बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने फोन पर प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि प्रदेश के ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में हो रही निरंतर वर्षा के कारण विकट स्थिति बनी हुई है। चौहान ने मोदी को प्रदेश में चल रहे बचाव अभियान के संबंध में जानकारी दी तथा बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में सेना की मदद के लिए भी चर्चा की।