भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ऑनलाइन गैंबलिंग पर रोक लगाने के लिए जल्द ही सख्त कानून बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वर्तमान में मध्यप्रदेश में जुआ अधिनियम 1876 का है और इसमें ऑनलाइन गैंबलिंग को लेकर कोई प्रवाधान नहीं है। इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि वर्तमान जुआ अधिनियम के स्थान पर मध्यप्रदेश जुआ अधिनियम-2023 बनाया जाएगा। जिसमे ऑनलाइन गैंबलिंग के अपराध को रोकने के लिए कई प्रावधान शामिल किए जाएंगे और ऐसे अपराधियों को दंडित कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन गैंबलिंग एक बड़ी समस्या बना गया है। दरअसल ऑनलाइन जुएं की लत और इससे जुड़ी बढ़ती आत्महत्याओं की घटना के बाद मध्यप्रदेश सरकार पिछले काफी समय से 1976 के जुआ अधिनियम के स्थान पर नए कानून बनाने की बात कर रही थी जिस पर आज मुख्य़मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोहर लगा दी। ऑनलाइन गैंबलिंग को लेकर प्रदेश में बनाए जा रहे नए कानून के प्रारूप को गृह विभाग ने अंतिम रूप दे दिया है और अब जल्द ही यह जुआ अधिनियम-2023 के रूप में मूर्त रूप ले सकता है। ALSO READ: भारत में ऑनलाइन गैंबलिंग का गेम ओवर!, गेमिंग कंपनियों को सरकार की चेतावनी
वेबदुनिया लगातार अपनी समाजिक सरोकार की पत्रकारिता के तहत ऑनलाइन गैंबलिंग के मुद्दे को उठाता आया है। दरअसल ऑनलाइन गेमिंग में गेम ऑफ चांस के खेल भी शामिल हैं जिन्हें जुएं के समान माना जाता है इसे ही ऑनलाइन गैंबलिंग कहा जाता है। ऑनलाइन गैंबलिंग के बढ़ते मामलों के बाद पिछले दिनों केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग में सट्टेबाजी और दांव लगाने से संबंधित किसी भी गेम को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया हैं। इसके साथ सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों से जुड़े कई एसआरओ बनाने की बात कही है।
मदरसों पर भी नजर रखने के निर्देश-वहीं आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की समीक्षा कर प्रदेश में आगामी दिनों में त्योहारों को देखते हुए प्रतिबंधित संगठनों जेएमबी और पीएफआई की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने और मदरसों में अवैध गतिविधि पर नजर रखने और सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाने वालों को चिन्हित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में अवैध मदरसे, संस्थान,जहां कट्टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा है,उसका रिव्यू किया जायेगा। प्रदेश में कट्टरता और अतिवाद बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।