दरअसल, शिवराज सिंह चौहान भी मंगलवार को सपत्नीक उज्जैन पहुंचे और एक साधारण व्यक्ति की तरह मोरारी बापू की कथा सुनने पंडाल में पहुंच गए। कथा के दौरान बापू ने खुद का उदहारण देते हुए छात्रों से जीवन में निराश ना होने की बात कही, साथ ही निराशा में घिरकर आत्महत्या जैसे पाप को छोड़कर फिर से प्रयास करने और जीवन में सफलता हासिल करने का संदेश भी दिया।