ममता! बेटी की खातिर ससुराल छोड़ा

कीर्ति राजेश चौरसिया

बुधवार, 26 अक्टूबर 2016 (16:27 IST)
बुंदेलखंड में छतरपुर के जिला अस्पताल में उस समय विचित्र स्थिति निर्मित हो गई, जब एक नवप्रसूता ने ससुराल जाने से इंकार कर दिया। महिला अस्पताल से छुट्टी कराकर ससुराल की बजाय अपने मायके चली गई है।
 
दरअसल, खजुराहो के बमीठा क्षेत्र के ग्राम गढ़ा निवासी 22 वर्षीय शोभा आदिवासी पति रामवतार आदिवासी ने जिला अस्पताल में एक लड़की को जन्म दिया। अस्पताल से छुट्टी के बाद महिला ससुराल न जाकर अपने मायके जाना चाहती थी। इसी बात को लेकर पहले सास और बहू में बहस हुई तो वहीँ शोभा की मां अपनी बेटी के पक्ष में कूद पड़ी और अपनी समधिन से लड़ने लगी। 
 
अस्पताल में चल रहे इस विवाद को बढ़ता देख वहां लोगों की भीड़ लग गई। बच्ची को जन्म देने वाली मां शोभा आदिवासी और उसको लेने आई उसकी मां केशरबाई का कहना है कि पति रामावतार आदिवासी शराबी और नाकारा है। वह कुछ भी काम नहीं करता हमेशा शाराब के नशे में रहता है और शोभा से मारपीट करता है। 
 
शोभा ने बताया कि इसके पहले मेरा बेटा इन्हीं लोगों की हरकतों के कारण नहीं बच पाया। मेरी पहली डिलेवरी के दौरान सासुराल में भारी अत्याचार और जुल्म किए गए, जिससे मेरा बच्चा खत्म हो गया। अब मैं अपनी बेटी को नहीं खोना चाहती। अगर मैं फिर ससुराल चली गई तो मेरी बेटी भी बेटे की तरह दुनिया से चली जाएगी। 
 
विवाद के चलते जननी वाहन के चालक ने कॉल सेंटर फोन किया और वहां पूरा मामला बताया तो उसे महिला की बताई जगह यानी मायके छोड़ने की अनुमति मिली और वह एम्बुलेंस को ससुराल की जगह मायके ले गया। वहीं प्रसूता की सास और पति बहू की जिद के आगे झुक गए और अपने घर लौट गए।

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