खंडवा की हरसूद विधानसभा सीट से ढाई दशक से विधायक चुने जा रहे विजय शाह के मालवा-निमाड़ के आदिवाली बाहुल्य इलाके में गहरी पैठ है। खासकर निमाड़ के आदिवासियों के बीच उन्हें आज भी राजा के तौर पर माना जाता है। ऐसे में भाजपा के इस बात का डर है कि अगर विजय शाह के मंत्री पद से हटाया जाता है और पूरे मामले में एफआईआर के बाद उन पर एक्शन होता है तो आदिवासी वर्ग में गलत मैसेज जाएगा और इसका नुकसान उसको चुनाव में उठाने पड़ेगा। भाजपा को शंका है कि विजय शाह के इस्तीफा का सीधा असर निमाड़ की 10 विधानसभा सीटों पर पड़ेगा, और भाजपा को आने वाले वक्त पर इन सीटों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ा सकता है।
यहीं कारण है कि बुधवार देर रात मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री हितानंद शर्मा के बीच मंथन हुआ और यह तय हुआ है कि मंत्री विजय शाह को हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का मौका दिया जाए। यहीं कारण है कि बुधवार रात विजय शाह का इस्तीफा नहीं हो सका है।
कांग्रेस ने भाजपा और सरकार को घेरा-वहीं मंत्री विजय शाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से अब कांग्रेस अक्रामक हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि सेना का अपमान करने वाले मंत्री विजय शाह के खिलाफ कार्रवाई नही होना भाजपा की कथनी और करनी में अंतर को दिखाता है। जीतू पटवारी ने कहा कि पूरी सरकार मंत्री का बचाव कर रही है और fir निरस्त कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जा रही है।
मंत्री प्रतिमा बागरी ने किया विजय शाह का बचाव- वहीं मंत्री विजय शाह का इस्तीफे नहीं देने के बाद अब सरकार के मंत्री ही उनके बचाव में आगे आने लगे है। डॉ. मोहन यादव सरकार में मंत्री प्रतिमा बागरी ने बेशर्मी से साथी मंत्री विजय शाह का बचाव करते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है। इतनी ही प्रतिमा बागरी ने कहा कि मंत्री विजय शाह ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली है और उनकी मंशा किसी के अपमान करने की नहीं थी।