नोटबंदी का असर खत्म होने के बावजूद बैंक ऐसे परिवारों को भी खाते में जमा पैसे नहीं दे रहे हैं, जिनके यहां विवाह है। नोटबंदी की समय समाप्ति के बाद भी लोगों की समस्याओं का निदान नहीं हो रहा और यह जस की तस बनी हुई है। इससे प्रभावित एक परिवार अपनी बेटी की शादी नहीं कर पा रहा है और बैंकों के चक्कर लगाकर परेशान है। समस्या से परेशान परिवार अब आत्महत्या की बात कर रहा है।
ताजा मामला मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के नोगांव थाना क्षेत्र के तिंदनी गांव का है, जहां 55 वर्षीय रतिराम अहिरवार और उनकी पत्नी पार्वती की बेटी सुषमा की शादी 11 फरवरी को है। नोगांव स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में इनके खाते में 1 लाख 42 हजार रुपए जमा हैं। जो अब बैंक देने से मना कर रहा है।
अहिरवार को अपनी बेटी की शादी के लिए पैसों की जरूरत है और काफी कोशिशों के बाद भी पैसे नहीं निकल पा रहे हैं। पैसे नहीं मिलने के कारण अब शादी टूटने की कगार पर है। परेशान होकर रतिराम अपनी फरियाद लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंच गए, जहां उन्होंने अपना पैसा निकालने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि अगर पैसा नहीं मिला तो वह आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे।