इंदौर निगम द्वारा पकड़े गए बुजुर्गों में से एक दिव्यांग लापता, परिजनों ने लगाए आरोप
रविवार, 31 जनवरी 2021 (00:07 IST)
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर की नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा शुक्रवार को एक दर्जन से ज्यादा बुजुर्ग निराश्रितों, भिक्षुकों को शहरी सीमा के बाहर छोड़े जाने के दौरान पकड़े गए एक पचास वर्षीय दिव्यांग के अब लापता होने का मामला प्रकाश में आया है।
इस मामले में कांग्रेस के क्षेत्रीय विधायक ने निगम अधिकारीयों को चेतावनी देते हुए लापता दिव्यांग को खोज कर परिवार को सौंपे जाने की हिदायत दी है। विधायक संजय शुक्ला ने इस मामले में निगम अधिकारियों पर लापरवाहीपूर्वक व्यवहार किए जाने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि पीड़ित पक्ष को उनका लापता दिव्यांग नहीं मिला तब वे उग्र आंदोलन करेंगे।
दिव्यांग की बहन और यहां के ब्रह्मबाग में रहने वाली कुसुम पंवार ने आज आरोप लगाया कि उनका भाई प्रदीप पंवार 19 अक्टूबर से लापता है। उसकी स्थानीय एरोड्रम थाने में 23 अक्टूबर को गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी। इस बीच शनिवार को समाचार पत्रों में नगर निगम की अमानवीयता की प्रकाशित खबरों के साथ प्रकाशित छायाचित्र में उनका भाई भी निगम के ट्राले में दिखाई दे रहा है।
इसके बाद घटना के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में भी उनका भाई निगम कर्मियों की पकड़ में साफ़ दिखाई दे रहा है। वे शनिवार सुबह से निगम कार्यालयों के अधिकारियों से और स्थानीय पुलिस से भाई की खोजबीन की गुहार लगा रही हैं, लेकिन छह-सात घंटे बाद भी उन्हें कोई जिम्मेदार संतोषजनक जवाब नहीं दे सका है।
उधर, इस मामले में पुलिस उपमहानिरीक्षक हरीनारायणचारी मिश्र ने कहा कि मामले की जांच कर रहे हैं। उधर निगम उपायुक्त अभय बेडेकर ने कहा कि हमने सभी निराश्रितों को यहां के रेन बसेरे में रखा है। उन्होंने कहा कि विधायक शुक्ला के द्वारा बताए गए दिव्यांग प्रदीप पंवार की जानकारी जुटा रहे हैं। बेडेकर ने लापता प्रदीप पंवार के बारे में पूछे जाने पर खोजबीन करने के बाद साझा करने की बात कही है।
इससे पहले कल निगम कर्मियों द्वारा एक दर्जन से ज्यादा निराश्रितों को इंदौर की विभिन्न जगहों से पकड़कर शहरी सीमा के बाहर क्षिप्रा में छोड़े जाने का मामला प्रकाश में आया था। इस मामले में निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए एक उपायुक्त को निलंबित कर भोपाल संलग्न किए जाने की जानकारी साझा की है।
इसी मामले में पहली नजर में दोषी पाए गए दो संविदा निगम कर्मियों की सेवाएं बर्खास्त की गई हैं। वहीं निगम के एक उपायुक्त शहरी सीमा से आमनवीय तरीके से बुजुर्गों को बाहर छोड़े जाने के मामले की पृथक से जांच भी कर रहे हैं।(वार्ता)