सीएम हेल्‍पलाइन में बढ़ा लोगों का भरोसा, 17 हजार से ज्‍यादा शिकायतें दर्ज, विभागों को क्‍यों नहीं दिख रही लोगों की तकलीफें

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 9 अप्रैल 2025 (16:03 IST)
इंदौर जिले में लोगों की शिकायतों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ दिनों में सीएम हेल्‍प लाइन में हजारों लोगों ने अपनी शिकायत दर्ज की। इसका एक मतलब यह भी है, लोगों का स्‍थानीय प्रशासन पर से भरोसा उठा है और सीएम हेल्‍प लाइन में शिकायत करने में लोग ज्‍यादा यकीन कर रहे हैं।

बता दें कि पिछले दिनों सीएम हेल्‍पलाइन में 17 हजार से ज्‍यादा शिकायतें दर्ज कराई गईं। यानी प्रदेश के सीएम को शिकायतें कराने में लोगों ने ज्‍यादा भरोसा जताया, जबकि दूसरी तरफ स्‍थानीय प्रशासन के कई विभागों में की गई शिकायतें लंबे समय पेंडिंग पडी हैं। अब इंदौर कलेक्‍टर आशीष सिंह ने मामले में संज्ञान लेते हुए इन तमाम विभागों में आई शिकायतों की समीक्षा बैठक बुलाई है, ऐसे में कुछ अधिकारियों पर शिकायतों का समय पर निराकरण नहीं करने पर गाज भी गिर सकती है।

सीएम हेल्‍पलाइन को मिली 17 हजार शिकायतें : बता दें कि इंदौर जिले में सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतों की संख्या अचानक 17 हजार के पार पहुंच गई है। इसका मतलब है कि अब लोग संबंधित विभागों के बजाए सीधे सीएम को अपनी तकलीफें बता रहे हैं। हालांकि कलेक्‍टर की जनसुनवाई में भी लोग अपनी शिकायतों के आवेदन लेकर आ रहे हैं। लेकिन हाल के दिनों में शिकायतों के आंकड़े अचानक से बढ़ गए हैं।

कलेक्‍टर करेंगे विभागों के समीक्षा : अब इंदौर कलेक्‍टर ने उन विभागों से जुडी समस्‍याओं की समीक्षा बैठक बुलाई है। 50 दिनों से ज्‍यादा वक्‍त गुजर जाने के बावजूद 5 हजार से ज्यादा शिकायतें लंबित हैं और कलेक्टर अब उन विभागों पर कार्रवाई करने वाले हैं जिनकी सुनवाई में देरी हो रही है। इन विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है।

किन विभागों में शिकायतें पेंडिंग : बता दें कि राजस्व, खाद्य, परिवहन और अन्य विभागों के तहत सबसे ज्यादा शिकायतें पेंडिंग हैं। इंदौर जिले में शिकायतों का सबसे अधिक दबाव राजस्व विभाग, खाद्य विभाग, परिवहन विभाग, जनजाति कार्य विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, पुलिस विभाग और नगर निगम पर देखा जा रहा है। विशेष रूप से नगरीय विकास एवं आवास विभाग में 4942 शिकायतें लंबित हैं। इसके अलावा, स्कूल शिक्षा विभाग में भी नए सत्र के दौरान 256 शिकायतें पेंडिंग हैं। कलेक्टर ने इन विभागों से संबंधित अधिकारियों को तलब किया है और 50 दिन से अधिक समय से लंबित 20 फीसदी शिकायतों के समाधान की जिम्मेदारी सौंपी है।

यहां भी कई शिकायतें पेंडिंग : शासन के निर्देश पर सुशासन व समाधान ऑनलाइन प्रणाली को चलाया जा रहा है, लेकिन इस प्रणाली में भी 2155 से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग पाई गई हैं। राजस्व विभाग की खसरा ऑनलाइन अपडेट करने से संबंधित शिकायतें सिमरोल, मानपुर, और खुड़ैल क्षेत्र में अधिक पेंडिंग हैं। नामांतरण और बंटवारे से संबंधित मामलों में भी पेंडेंसी बढ़ी है, जिनमें बिचौली हप्सी, कैलोद करताल, मल्हारगंज और खुड़ैल में 10 से ज्यादा शिकायतें लंबित हैं। इसके अलावा, नल जल योजना के तहत पानी की आपूर्ति ना होने के 110 से अधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

कैसे होती है सीएम हेल्‍पलाइन की रैंकिंग : सीएम हेल्पलाइन पर हर महीने 20 तारीख को शिकायतों की रैंकिंग जारी की जाती है, जिसमें कई विभागों का प्रदर्शन काफी खराब नजर आता है। इंदौर जिले के श्रम विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सहकारिता विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, गृह विभाग, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, वन विभाग और सबसे महत्वपूर्ण राजस्व विभाग की रैंकिंग सबसे निचले स्थान पर रही है। इन सभी विभागों को डी कैटेगरी में रखा गया है। वहीं, सी कैटेगरी में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, जनजाति कार्य विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, वित्त विभाग, नगर निगम, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग और पुलिस विभाग शामिल हैं, जिनमें सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं, लेकिन उनके समाधान का प्रतिशत बहुत कम है।
Edited By: Navin Rangiyal

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