उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार जैसे-जैसे जोर पकड़ता जा रहा है, उतनी ही तेजी से नेताओं से जुड़े वीडियो वायरल होते जा रहे है। पिछले दिनों शिवराज कैबिनेट में महिला बाल विकास मंत्री और डबरा से पार्टी की संभावित उम्मीदवार इमरती देवी के लगातार कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके है। वहीं इसके बाद भांडेर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार फूल सिंह बरैया का भी एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें वह एक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते नजर आ रहे है।
वायरल वीडियो की सियासत में नया नाम शिवराज कैबिनेट में खाद्य मंत्री और उपचुनाव में भाजपा के संभावित उम्मीदवार बिसाहूलाल सिंह और मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव का जुड़ा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव के वीडियो में वह साड़ी बांटते हुए नजर आ रहे है। वहीं मंत्री बिसाहूलाल सिंह का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें वह बच्चों को पैसा बांटते नजर आ रहे है।
इससे पहले कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे और कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने मंत्री बिसाहूलाल सिंह के वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए कई सवाल उठाए है। उन्होंने वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि आर्दश आचार संहिता में इस प्रकार रूपए बांटना कानून अपराध है और चुनाव आयोग को इसकी जांच कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
चुनाव के समय लगातार वायरल हो रहे इन वीडियो की सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है और न ही इन वीडियो को बिना किसी प्रामणिकता के अपने पाठकों तक पहुंचता है लेकिन इन सबके बीच सवाल यह उठ खड़ा हो रहा है कि आज जब कोरोनकाल में पार्टियां और उम्मीदवार जोर-शोर से सोशल मीडिया के जरिए चुनाव प्रचार कर रहे है तब वायरल हुए वीडियो के जरिए कही न कही चुनाव को प्रभावित करने की भी कोशिश की जा रही है। ऐसे में चुनाव आयोग को वायरल वीडियो की सियासत पर भी अपनी नजर रखनी चाहिए और बिना प्रामणिकता के वायरल वीडियो की सियासत पर अपनी नजर और पैनी करनी चाहिए।