भोपाल। मध्यप्रदेश में उपचुनाव को लेकर चुनावी पारा चढ़ने लगा हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद जहां गुरुवार को पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी की किसी बड़ी रैली में शामिल हुए तो उपचुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा हैं।
सिंधिया और भाजपा की दोहरी चुनावी किलेबंदी में सेंध लगाने के लिए पूर्व सीएम कमलनाथ चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपने साथ लाना चाह रहे थे, इसको लेकर दोनों के बीच मुलाकात और बातचीत भी हुई लेकिन आखिरकार बात नहीं बन पाई और अब बड़ी खबर यह हैं कि प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने उपचुनाव से अपनी दूरी बना ली है।
'वेबदुनिया' को प्रशांत किशोर की टीम की तरफ से आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि की गई हैं कि प्रशांत किशोर (Prashant kishor) और आईपैक (I-PAC) मध्यप्रदेश में होने जा रहे उपचुनाव में अब कांग्रेस के लिए कोई काम नहीं कर रही हैं। वेबदुनिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि हम किसी भी तरीके से मध्यप्रदेश कांग्रेस के काम में अब शामिल नहीं है। आज की तारीख में प्रशांत किशोर और उनकी कंपनी आईपैक मध्यप्रदेश उपचुनाव में किसी की स्तर पर किसी तरह का कोई काम नहीं कर रही हैं।
उपचुनाव के सियासी सरगर्मी के बीच कमलनाथ और प्रशांत किशोर की मुलाकातों के सवाल पर कहा गया हैं कि ऐसी बहुत सी मुलाकात होती रहती है, लेकिन मुलाकात होने का यह मतलब नहीं की कंपनी काम करेगी। प्रशांत किशोर की तरफ से उनक सभी अटकलों को पूरी तरह खारिज किया गया है कि जिसमें उनके उपचुनाव में कांग्रेस के लिए काम करने की बात कही जा रही थी।
इससे पहले कांग्रेस की तरफ से पूर्व कैबिनेट मंत्री पीसी शर्मा ने कहा था कि उपचुनाव में कांग्रेस चुनावी रणनीतिकाकर प्रशांत किशोर की मदद लेगी। उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर प्रशांत किशोर की मजबूत पकड़ होने का हवाला देते हुए उपचुनाव में भाजपा को हराने का दावा किया था।
फिर ऑफर मिला तो क्या करेंगे काम ?- वेबदुनिया के इस सवाल पर कि क्या आने वाले समय में प्रशांत किशोर उपचुनाव में कांग्रेस के लिए काम कर सकते हैं इस पर पीके की टीम की ओर से आधिकारिक तौर पर बताया गया कि इसकी संभावना अब नहीं के बराबर हैं क्योंकि चुनाव में अब बहुत कम समय बचा हुआ है और इतने शॉर्ट टर्म पर काम नहीं किया जा सकता। सामान्य पर कंपनी चुनाव से पहले किसी भी पार्टी के लिए कोई भी कैंपेन एक साल पहले अपना काम शुरु करती है और चूंकि अब कंपनी किसी भी स्तर पर इन्वॉल्व नहीं हो तो अब बहुत मुश्किल है।
सर्वे में भी भाजपा से पिछड़ी कांग्रेस ! – मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा जहां पूरी तरह चुनावी मोड में है, पार्टी जनसंवाद के नाम से कर रही वर्चुुअल रैली के जरिए लोगों तक मोदी सरकार के कामकाज को पहुंचा रही है तो मार्च में पार्टी में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी भाजपा के मंच पर अपनी एंट्री कर दी है। गुरुवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की रैली सिंधिया पहली बार पार्टी के मंच पर नजर आए।
वहीं दसूरी ओर उपचुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस अब भी संगठन को मोर्चे पर जूझ रही है। सूत्र बताते हैं कि उपचुनाव में उम्मीदवारों को लेकर कमलनाथ ने अपने स्तर पर जो सर्वे कराया था उसमें अब तक पार्टी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं होने की रिपोर्ट मिली हैं, इसके साथ सर्वे में भाजपा के संभावित उम्मीदवारों के खिलाफ कोई मजबूत नाम भी सामने नहीं आ पाया है।
24 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में 16 सीटें उस ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से आती है जहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का खासा दबदबा है और इन सीटों पर कांग्रेस अब तक मजबूत उम्मीदवारों का चयन ही नहीं कर पाई है। इन सभी सीटों पर जहां भाजपा के उम्मीदवार करीब-करीब तय है वहीं कांग्रेस अभी उम्मीदवारों की तलाश में भी जुटी है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने चुनाव से पहले जो आंतरिक तौर पर सभी सीटों पर जो सर्वे कराया था उसमें इन विधानसभाओं में संगठन स्तर पर भी पार्टी को जूझना पड़ रहा है।