डॉ. प्रसन्ना ने शुक्रवार को यहां जिला पंचायत के सभाकक्ष में समयसीमा की बैठक के दौरान बताया कि भारत सरकार के आधार एक्ट-2016 के अधिनियम के तहत अब आधार नंबर के साथ दिए गए मोबाइल नंबर, पता इत्यादि को पब्लिक डोमेन में प्रदर्शित करने पर 3 वर्ष के कारावास का प्रावधान किया गया है।