भोपाल। विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद वनमंत्री रामनिवास रावत का इस्तीफा राज्यपाल ने मंजूर कर लिया है। उपचुनाव में हार के तुरंत बाद रामनिवास रावत ने वन मंत्री के पद से इस्तीपा दे दिया था, हलांकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विदेश दौरे पर होने के चलते उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया था। वहीं मुख्यमंत्री के विदेश दौरे से लौटने के बाद रामनिवास रावत ने मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच हार के कारणों पर चर्चा होने के साथ रामनिवास रावत के सियासी भविष्य पर भी चर्चा हुई थी।
नागर सिंह चौहान ने खुलकर की दावेदारी-रामनिवास रावत से पहले वन विभाग संभाल रहे अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने फिर से वन विभाग की दावेदारी कर दी है। मीडिया से चर्चा में नागर सिंह चौहान ने साफ शब्दों में कहा कि वह फिर से वन विभाग संभालने को तैयार है। इतना ही नागर सिंह चौहान ने इसके लिए भोपाल से दिल्ली तक लांबिग भी शुरु कर दी है।
दकअसल लोकसभा चुनाव के बाद जब रामनिवास रावत को जब सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और तब नागर सिंह चौहान से छीनकर वन विभाग रामनिवास रावत को वन विभाग दे दिया गया था। वन विभाग छीनने के बाद नागर सिंह चौहान ने खुलकर अपनी नाराजगी दिखाई थी और मंत्रिमंडल से इस्तीफे की धमकी थी। हलांकि संगठन की समझाइश के बाद उनके तेवर नरम पड़ गए थे।
विजय शाह को मिलेगी जिम्मेदारी?-डॉ. मोहन यादव कैबिनेट में जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह भी अपने पुराने विभाग को पाने के लिए लॉबिंग शुरु कर दी है। पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली में केंद्र वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट की। दरअसल पिछली शिवराज सरकार में वन विभाग विजय शाह के पास था, ऐसे में विजय शाह वरिष्ठता के आधार पर फिर से वन जैसे अहम विभाग की दावेदारी ठोंक रहे है। केंद्रीय वन एवं पर्यावर मंत्री भूपेंद्र यादव से उनकी मुलाकात को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। भूपेंद्र यादव का विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश का प्रभारी होना और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से उनका अच्छा सांमजस्य होना, विजय शाह के पक्ष में जा सकता है।
मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें- वही मध्यप्रदेश में सरकार के गठन के एक साल पूरे हो रहे है और मुख्यमंत्री मंत्रियों के फरफॉर्मेंस की समीक्षा करने जा रहे है। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें भी लगाई जा रही है। दरअसल मुख्यमंत्री के पास गृह, खनिज, जनसंपर्क और नर्मदा घाटी जैसे अहम विभाग है, जबकि भाजपा के कई सीनियर विधायक मंत्री बनने की राह में है। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और संजय पाठक के साथ गोपाल भार्गव भी मंत्री बनने की दौड़ में शामिल है।