उत्तर वन मंडल के वन मंडल अधिकारी संजीव झा ने बताया कि परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (एएमडीईआर) को इस बारे में संकेत मिले थे जिसके बाद जिले के शाहपुर वन क्षेत्र की 989.076 हैक्टेयर क्षेत्र में यूरेनियम का पता लगाने की अनुमति दी गई है। बड़े पैमाने पर बोरिंग की जा रही है और हेलीकॉप्टर में अत्याधुनिक कैमरे लगाकर सर्वे शुरू किया गया है।
उन्होंने बताया कि यह सतपुड़ा टाइगर रिजर्व व कॉरिडोर के निकट स्थित है, साथ ही पचमढ़ी बायोस्फियर रिजर्व की सीमा से 10 किमी की परिधि में है। यदि यहां यूरेनियम मिल जाता है तो बैतूल जिले का नाम दुनिया के पटल पर अंकित हो जाएगा।
वन विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि निदेशालय से सर्वे का प्रस्ताव मिला था जिसे राज्य सरकार को भेजा गया, जहां से खोज की अनुमति मिली। यह संभवत: यूरेनियम खोज का प्रदेश में पहला प्रस्ताव है। भारत में आंध्रप्रदेश के तम्मलपल्ली और झारखंड के जादूगोड़ा में यूरेनियम की बड़ी खदानें हैं।