शिवराज ने प्रदेशवासियों से की 'दिल से' बात

रविवार, 13 अगस्त 2017 (23:55 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि मुख्ममंत्री भावांतर भुगतान योजना, कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर्स योजना, किसानों की संतानों के लिए कृषक उद्यमी योजना लागू की जाएगी। उन्होंने डिफाल्टर किसानों के लिए समाधान योजना और मुख्यमंत्री सोलर पम्प लागू किए जाने की जानकारी दी।
 
चौहान ने आज आकाशवाणी में प्रसारित कार्यक्रम 'दिल से' में किसानों के साथ सीधी बात करते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अगले तीन माह में सभी अविवादित नामांतरण, बंटवारे और सीमांकन प्रकरण निराकृत हो जाएंगे। इसके बाद तीन माह से अधिक पुराने प्रकरण की जानकारी देने वाला पुरस्कृत होगा। संबंधित राजस्व अधिकारी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई होगी।
 
मुख्यमंत्री ने बताया कि भावांतर योजना के द्वारा किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य मिलना सुनिश्चित हो जाएगा। इस योजना में फसल गिरदावरी मोबाइल एप के माध्यम से प्राप्त संपूर्ण डाटा संकलित किया जाएगा। इससे किस किसान ने कौन सी फसल कितने रकबे में बोई यह पता चलेगा और औसत उत्पादन की गणना कर समर्थन मूल्य और विक्रय मूल्य के अंतर की राशि को सीधे किसानों के खातों में डालने की व्यवस्था होगी।
 
उन्होंने किसानों को राजस्व मामलों सीमांकन, नामांतरण और बटवारे आदि में विलम्ब नहीं हो, इसके लिए रेवन्यू केसेस मॉनीटरिंग सिस्टम की जानकारी देते हुए बताया कि अगले तीन माह में सभी अविवादित नामांतरण, बंटवारे और सीमांकन प्रकरण निराकृत हो जाएंगे। इसके बाद तीन माह से अधिक पुराने ऐसे लंबित प्रकरणों की जानकारी देने वालों को नकद पुरस्कार मिलने और पुरस्कार की राशि दोषी अधिकारी कर्मचारी से वसूलने की बात कही। बताया कि शीघ्र ऐसी व्यवस्था की जाएगी जिसमें प्रतिवर्ष खसरा की नकल की प्रतिलिपि नि:शुल्क किसानों को उपलब्ध करवाई जाएगी।
 
उन्होंने बताया कि कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर्स योजना शीघ्र प्रारंभ की जाएगी। इसमें युवाओं को 25 लाख रुपए के केन्द्र की स्थापना पर 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। इन केन्द्रों में किसान अपने कृषि उद्यानिकी उत्पाद लाकर किराए पर उनकी कलीनिंग, ग्रेडिंग, पैकिंग और मूल्य संवर्द्धन करवा सकेंगे। किसानों की संतानों के लिए कृषक उद्यमी योजना शीघ्र शुरू की जा रही है जिसमें स्वरोजगार के लिए 10 लाख से 2 करोड़ रुपए का ऋण सरकार की गारंटी पर मिलेगा। इसमें 15 प्रतिशत अनुदान तथा 5 वर्षों तक 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान की भी व्यवस्था की गई है। (वार्ता) 

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