इससे पहले हड़ताल पर जाने के बाद गुरुवार दोपहर डॉ. मीणा ने कहा कि पिछले 6 महीने से हम अपनी समस्याओं के बारे में राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट कर रहे थे। 3 मई को मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आश्वस्त किया था कि हमारी मांगें पूरी कर दी जाएंगी, लेकिन अब तक एक भी मांग पूरी नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि संबंधित 6 सरकारी मेडिकल कॉलेजों- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर एवं रीवा में वर्तमान में करीब 3,000 जूनियर डॉक्टर हैं और इनमें से 15 से 20 प्रतिशत डॉक्टरों की ड्यूटी कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों का उपचार करने में लगाई गई है।