कमलनाथ सरकार ने नीमच जिले के ऐसे बंद पड़े 45 स्कूलों में से अधिकांश में अध्यापको की पोस्टिंग कर दी, जो पिछली सरकार द्वारा बंद कर दिए गए हैं। बंद स्कूलों में अध्यापकों की पोस्टिंग ने बैठे बिठाए भाजपा को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है।
नीमच जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर जावद उपखंड का गांव है अम्बा, जहां पिछले सत्र में शासकीय माध्यमिक शाला बंद कर दी गई। यहां कई बार अध्यापकों का टोटा रहा, लेकिन अब जब स्कूल बंद हो गया तो सरकार ने यहां अध्यापक की पोस्टिंग कर दी। ऐसा एक दो नहीं जिले के 45 बंद स्कूलों में से अधिकांश में अध्यापकों के तबादले कर दिए गए।
इस पूरे मामले को लेकर अब जिले में हाहाकार मचा है। आरटीआई कार्यकर्ता परमजीत सिंह फौजी कहते हैं, यह लापरवाही नहीं, सुनियोजित खेल है। बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, जिसकी जांच ही नहीं वरन दोषी अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
वहीं, इस मामले में भाजपा ने मोर्चा संभाल लिया है। उसके जिला मीडिया प्रमुख कमलेश मंत्री कहते है कमलनाथ सरकार में तबादलों की फाइल यूं ही नहीं चलती, रुपए देना पड़ते है। जो स्कूल पिछली सरकार में बंद हो चुके उनमे तबादले करप्शन का बड़ा खेल है। इस पूरे मामले में जब हमने बीएल बामनिया, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी, नीमच से बात की तो उन्होंने स्वीकार किया की यह गलती हुई है।
बामनिया ने कहा की ये वो स्कूल है जो ज़ीरो नामांकन के कारण बंद कर दिए गए थे, लेकिन संकुल प्राचार्यों ने पोर्टल पर जानकारी अपडेट नहीं की जिसके कारण पोर्टल पर इन स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त दिख रहे थे, इसलिए यहां शिक्षकों की पोस्टिंग हो गई।