उन्होंने बताया कि जेनी की मां उसे 16 अक्टूबर को दिलीप के भरोसे घर छोड़कर काम पर गयी थी। कुछ देर बाद मां को याद कर बच्ची जोर-जोर से रोने लगी। आरोप है कि जब बच्ची चुप नहीं हुई, तो दिलीप ने गुस्से में गला घोंटकर अपनी मासूम भांजी की हत्या कर दी।
उन्होंने बताया कि जब तक हमारी टीम अस्पताल पहुंचती, बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के बगैर ही वहां से ले जाया जा चुका था। हमने बच्ची के घर जाकर उसका शव बरामद किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में तसदीक हो गई कि उसकी गला दबाकर हत्या की गई है। पाटीदार ने कहा कि पुलिस ने जब सख्ती के साथ दिलीप से पूछताछ की, तो उसने अपनी भांजी की हत्या का जुर्म कबूल कर लिया। (भाषा)