उन्होंने बताया कि प्रशासन के छापों में शहर के पोलोग्राउंड क्षेत्र के पास स्थित 2 डेयरी संस्थानों में 99 प्रतिशत से ज्यादा सांद्रता वाला कुल 70 लीटर एसिटिक एसिड मिला है। बेड़ेकर ने कहा कि ये संस्थान बेहद ज्यादा सांद्रता वाले एसिटिक एसिड के इस्तेमाल से दूध को फाड़कर पनीर और अन्य दुग्ध उत्पाद बना रहे थे जबकि डेयरी संस्थानों में इस रसायन का उपयोग प्रतिबंधित है।
उन्होंने विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि अधिक सांद्रता वाले एसिटिक एसिड के दूध फाड़ने में इस्तेमाल से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। बेड़ेकर के मुताबिक दोनों डेयरी संस्थानों के मालिक अपना धन और समय बचाने के लिए दूध फाड़ने में बेहद ज्यादा सांद्रता वाले एसिटिक एसिड का इस्तेमाल कर रहे थे। दूध फाड़ने के लिए एसिटिक एसिड के इस्तेमाल को लेकर दोनों डेयरी संस्थानों के मालिकों पर एनएसए लगाया जा रहा है ताकि जनता की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले खाद्य कारोबारियों को सबक मिल सके। (भाषा)