मक्सी में बुधवार रात विवाद और हिंसा में घायल अमजद की मौत हो गई है। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंपा गया। मृत युवक के समाज के लोगों ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाएं। साथ ही प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की है। परिजनों का आरोप है कि प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई करती तो यह स्थिति नहीं बनती।
बता दें कि मक्सी में हुई हिंसा में एक व्यक्ति अमजद की मौत हो गई, जबकि 7 लोग घायल हो गए थे। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
3 महीने की बेटी ने खोया बाप : परिजनों ने आरोप लगाया कि मृतक की 3 महीने की बच्ची है। पूरे विवाद के बीच मक्सी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ अमजद का जनाजा निकला गया। इस दौरान एडीएम, एडिशनल एसपी, एसडीएम सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं। प्रशासनिक अधिकारी द्वारा समाजजनों को समझाइश दी गई, तब जाकर जनाजा निकालने को तैयार हुए।
साहब हमारी क्या गलती : इस पूरी घटना के बीच मृतक के पिता का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वे पुलिस प्रशासन के सामने रोते बिलखते और हाथ जोडते हुए गुहार लगा रहे हैं कि साहब हमारी क्या गलती थी। हमारे बच्चों को क्यों मार दिया गया।
क्यों दर्ज नहीं की एफआईआर : दरअसल, मृतक के परिजनों का कहना है कि 24 सितंबर को हमने एसपी को ज्ञापन दिया था। उसी दिन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो जाती तो यह विवाद नहीं होता। अब पुलिस पथराव और गोलीबारी के बाद मामला दर्ज कर रही है।
बता दें कि मक्सी में हिंसा के बाद एहतियात के तौर पर स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे, पूरे शहर में धारा 144 लागू की गई और इस दौरान इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था।
क्या हुआ था उस रात : मध्य प्रदेश के शाजापुर ज़िले के मक्सी कस्बे में बुधवार रात दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस विवाद में एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं, 7 अन्य लोग घायल हो गए थे। यह घटना सोमवार को हुई एक मारपीट की घटना के बाद बढ़ते तनाव के कारण हुई, जिसके बाद बुधवार रात दोनों गुटों के बीच पथराव और फायरिंग हुई। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और चार थानों की पुलिस बल तैनात किए थे। एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना पर दुख व्यक्त कर कार्रवाई के आदेश दिए थे।
Edited By: Navin Rangiyal