चिकित्सा शिक्षा विभाग के दो तत्कालीन आला अधिकारियों एससी तिवारी और एनएम श्रीवास्तव, एक निजी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कमेटी के सदस्य डॉ. विजय कुमार पंड्या और डॉ. विजय कुमार रामनानी की ओर से अदालत में अग्रिम जमानत याचिकाएं दायर की गईं थीं, जिन पर आज सीबीआई और याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं की ओर से बहस की गई।
विभाग के तत्कालीन अधिकारियों की ओर से दलील दी गई कि 2012 व्यापमं मामले में उनकी ओर से गड़बड़ी नहीं की गई क्योंकि काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली थी। वहीं कटऑफ डेट के बाद मेडिकल कॉलेजों में हुए एडमिशन की कोई भी जानकारी अधिकारियों तक नहीं पहुंचाई गई, लिहाजा पूरे फर्जीवाड़े में उनकी तरफ से गड़बड़ी नहीं हुई है।