लोकसभा चुनाव में सिंधिया की हार को लेकर मंत्री और सांसद के बीच जुबानी जंग

मंगलवार, 24 मई 2022 (00:02 IST)
गुना। मध्यप्रदेश पंचायती राज मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के गुना संसदीय सीट से 2019 के आम चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार को निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की गलती बताए जाने के बाद स्थानीय भाजपा सांसद केपी यादव ने कहा है कि इस तरह के बयानों से परहेज किया जाना चाहिए। सिसोदिया ने कहा था कि गुना के लोगों ने 2019 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन कांग्रेस उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनकी पारंपरिक सीट से हराने की गलती की है।

ALSO READ: 'महाराज' को सताया बुढ़ापा!, ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान, जवान दिखता हूं लेकिन बुढ़ापे की तरफ जा रहा हूं
 
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में गुना से सिंधिया को हराने वाले यादव ने सिसोदिया को इस तरह की टिप्पणी करने से परहेज करने के लिए कहा है। वहीं विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा नेताओं के बीच इस वाकयुद्ध को लपक लिया और दावा किया सत्तारूढ़ दल के खेमे में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
 
सिंधिया के करीबी माने जाने वाले सिसोदिया मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़ दिया था और इसके बाद वह सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। सिंधिया की मौजूदगी में गुरुवार को एक कार्यक्रम में सिसोदिया ने कहा कि (सिंधिया को चुनाव में हराना) गुना के लोगों की गलती थी और इसके लिए उन्हें (सिंधिया) लोगों को माफ कर देना चाहिए। गुना के लोग उनके (सिंधिया) परिवार हैं और बड़ों को माफ करना चाहिए। सिसोदिया गुना जिले के बमोरी से विधायक हैं।

ALSO READ: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भोपाल के बंगले में किया गृहप्रवेश, सवाल क्या प्रदेश की सियासत में सक्रिय होंगे 'महाराज'?
 
सिसोदिया की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए यादव ने रविवार को कहा कि वह (सिसोदिया) मेरे सीनियर हैं। उन्हें इस तरह नहीं बोलना चाहिए। लेकिन अगर कोई बुजुर्ग हर बार ऐसी गलतियां करता है तो उसके बारे में उसे बताना जरूरी हो जाता है। मैं भी मजबूरी में बोल रहा हूं। वह एक वरिष्ठ मंत्री हैं और उन्हें इस तरह नहीं बोलना चाहिए। हालांकि ऐसा लगता है कि अब यह मामला शांत हो गया है, क्योंकि सोमवार को यहां पार्टी की बैठक में सिसोदिया और यादव एक साथ बैठकर एक-दूसरे के कानों में फुसफुसाते नजर आए। उन्होंने कार्यक्रम में एक-दूसरे को सम्मान के साथ संबोधित भी किया।
 
सिसोदिया ने कहा कि वह (यादव) मेरे छोटे भाई और परिवार के सदस्य हैं। यह भाजपा का अंदरुनी मामला है और हम मिल-बैठकर इसका समाधान करेंगे। इस बीच भाजपा नेताओं के वाकयुद्ध पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया। वीडियो में यादव को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मैं मजबूरी में बोल रहा हूं और वह (सिसोदिया) मूर्ख है कि वह इस तरह की बात कर रहा है। वह वरिष्ठ मंत्री हैं।
 
वीडियो में यादव को यह कहते सुना जा सकता है कि जिस तरह का बयान वह दे रहे हैं, हर कार्यकर्ता अब महसूस कर रहा है कि भाजपा ने इन (कांग्रेस से आए) नेताओं को 2020 में पार्टी में शामिल करके गलती की, क्योंकि उन्हें पार्टी की नीतियों और उसके नेताओं की जानकारी नहीं है। वे हमारे प्रधानमंत्री के बारे में जानते तक नहीं हैं। ऐसा लगता है कि ऐसे नेताओं को भाजपा में लाना एक गलती थी।
 
सलूजा ने ट्विटर पर सिंधिया समर्थक और मप्र ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष गिर्राज दंडोतिया का एक वीडियो भी साझा किया जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि जब हम गुना और शिवपुरी में लोगों से मिलते है और सिंधिया के बारे में बात करते हैं तो उनकी आंखें नम हो जाती हैं कि उन्होंने ऐसे नेता को कैसे हरा दिया? वे यह भी कहते हैं कि अगर वे इसके लिए जीवनभर भी पछताते हैं तो वह पर्याप्त नहीं होगा। लोगों को उनके (सिंधिया) प्रति सहानुभूति है।
 
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि उनके (दंडोतिया) लिए महाराज (सिंधिया) भाजपा से बड़े हैं। हालांकि प्रदेश भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि यह भाजपा का आंतरिक मामला है और इसे पार्टी के भीतर ही सुलझा लिया जाएगा। सिंधिया के कांग्रेस में रहने के दौरान केपी यादव भी उनके काफी करीबी थे लेकिन कुछ मतभेद होने के बाद यादव भाजपा में शामिल हो गए।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी