एक पति अपनी पत्नी का इलाज कराने पांच दिन की बच्ची व बूढ़ी मां के साथ बस से दमोह आ रहा था, इसी बीच पत्नी की मौत हो गई। बस के चालक एवं परिचालक ने मानवता को शर्मसार करते हुए इन सभी को बीच जंगल में उतार दिया। रास्ते से कई लोग निकले लेकिन किसी ने भी इनकी सहायता नहीं की। दमोह के दो अधिवक्ता वहां से निकले तो वो इनके लिए भगवान बन गए।
बीच जंगल में सडक किनारे अपनी पांच दिन की नवजात बच्ची को लिए पिता लोगों से मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। इसी बीच दमोह के दो अधिवक्ता मृत्युंजय हजारी और राजेश पटेल वहां से निकले तो उन्होने मानवता का परिचय देते हुए इनकी मदद की व उन्हें वाहन उपलब्ध कराते हुए उनके गांव भिजवाया।