Gandhi jayanti 2022 : महात्मा गांधी के बारे में 25 रोचक बातें

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महात्मा गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर को पोरबंदर में हुआ था। उनके बारे में अभी भी ऐसा बहुत कुछ है जो लोगों को नहीं मालूम हैं। आओ जानते हैं ऐसी ही 25 आश्चर्यजनक तथ्य ( 25 Interesting facts of Mahatma Gandhi ) और अनसुनी बातें।
 
1. महात्मा गांधी ने हर व्यक्ति से कुछ न कुछ सीखा उनमें सीखने की लगन थी।
 
2. महात्मा गांधी को भगवान महावीर, महात्मा बुद्ध और भगवान श्रीकृष्ण पसंद थे।
 
3. उनके पास हमेशा गीता रहती थी जबकि वे महावीर स्वामी के पंचमहाव्रत और महात्मा बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग का पालन करते थे।
 
4. महात्मा गांधी अपने जीवन में प्रत्येक दिन 18 किलोमीटर चलते थे जो कि उनके जीवन काल में धरती के 2 चक्कर लगाने के बराबर था। 
 
5. वे अपनी सेहत के प्रति सजग थे और 110 वर्ष जीना चाहते थे। 
 
7. वह अपने पेट की गर्मी छांटने के लिए उस पर गिली मिट्टी की पट्टियां बांधते थे।
 
8. महात्मा गांधी को अंग्रेजी सिखाने वाला आयरलैंड का वासी था। महात्मा गांधी बहुत ही सामान्य अंग्रेजी बोलते थे। गांधी जी की मातृ-भाषा गुजराती थी। हालांकि स्कूल में गांधी जी अंग्रेजी में अच्छे विद्यार्थी थे, जबकि गणित में औसत व भूगोल में कमजोर छात्र थे। 
 
9. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कुछ अंग्रेज पत्रकार महात्मा गांधी के पास आए और उनका इंटरव्यू अंग्रेजी में लेने लगे। इस पर महात्मा गांधी हिंदी में बोले मेरा देश अब आजाद हो गया है। अब मैं हिंदी में ही बात करूंगा।
 
10. गांधीजी कभी अमेरिका नहीं गए। साल 1930 में उन्हें अमेरिका की टाइम मैगजीन ने Man Of the Year से उपाधि से नवाजा था।
 
11. गांधीजी अपने जीवनकाल में कभी भी प्लेन में नहीं बैठे। उन्होंने ट्रेन या जहाज से ही सफर किया।
 
12. रेलयात्रा के दौरान एक बार महात्मा गांधी का एक जूता नीचे गिर गया। उन्होंने अपना दूसरा जूता भी फेंक दिया। जब बगल के यात्री ने कारण पूछा तो वे बोले एक जूता मेरे किसी काम नहीं आएगा। कम से कम मिलने वाले को तो दोनों जूते पहनने का मौका मिलेगा।
 
13. गांधीजी को फोटो खिंचवाने का बिलकुल भी शौक नहीं था लेकिन आजादी के दौरान सबसे ज्यादा उनके ही फोटो खिंचे गए थे।
 
14. जिन लोगों की राइटिंग अच्छी नहीं है ऐसे समझदार लोग अपने बचाव में कहते हैं कि गांधीजी की भी राइटिंग अच्छी नहीं थी।  जबकि महात्मा गांधी की राइटिंग सचमुच बहुत अच्छी थी। स्कूल में उनकी हैंडराइटिंग बहुत सुंदर थी। 
 
15. गांधी जी अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थे उनके दो भाई और एक बहन थी।
 
16. गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह संघर्ष के दोरान, जोहांसबर्ग से 21 मील दूर एक 1100 एकड़ की छोटी सी कालोनी, टॉलस्टॉय फार्म स्थापित की थी।
 
17. गांधी जी ने अल्फ्रेड हाई स्कूल, राजकोट से पढ़ाई की थी।
 
18. गांधी जी का जन्म शुक्रवार को हुआ था, भारत को स्वतंत्रता शुक्रवार को ही मिली थी तथा गांधी जी की हत्या भी शुक्रवार को ही हुई थी। गांधी जी की हत्या बिरला भवन के बगीचे में हुई थी। उनकी शवयात्रा में करीब दस लाख लोग साथ चल रहे थे और 15 लाख से ज्यादा लोग रास्ते में खड़े हुए थे। 
 
19. गांधीजी से मार्टिन लूथर किंग, लियो टॉलस्टॉय, अल्बर्ट आइंस्टीन, नेल्सन मंडेला, रबींद्रनाथ टैगोर, दलाई लामा, जॉर्ज बर्नार्ड शॉ, पर्ल एस बक, आंग सान सू की, नरेंद्र मोदी, बराक ओबामा, अमर्त्य सेन, पंडित जवाहरलाल नेहरू, जे.बी. कृपलानी, सरदार वल्लभभाई पटेल, खान अब्दुल गफ्फार खान, जयप्रकाश नारायण, मौलाना अबुल कलाम आजाद, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, जे.सी. कुमारप्पा, मीरा बेन, मृदुला साराभाई, सी. राजगोपालाचारी, विनोभा भावे, बाबा आमटे और खान अब्दुल खान गफ्‍फार, जेम्स लाव्सन, स्टीव बिको, रोमां रोलां, मारिया लासर्दा दे मौरा, लांजा देल वस्तो, मदलीन स्लेड या मीराबेन, जॉन लेनन, अल गोर, , जमनालाल बजाज, धरमपाल, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, जे.बी.॰ कृपलानी, ठक्कर बापा, रविशंकर महाराज, नानाभाई भट्ट, राजकुमारी अमृत कौर, सुशीला नायर, आशादेवी, आर्यनायकम, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, मृदुला साराभाई आदि अनेक कई महान लोग हैं, जो महात्मा गांधी से प्रभावित थे।

 
20. जब महात्मा गांधीजी अफ्रीका से भारत वापस आ गए तो उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ज्वाइन की और उन्होंने अपने मित्र जीवनलाल देसाई के कहने पर उनके कोचरब बंगला में 25 मई 1915 सत्याग्रह आश्रम का निर्माण करवाया। बाद में उन्होंने 17 जून 1917 को साबरमती नदी के किनारे 36 एकड़ के लगभग बड़ी जगह पर सत्याग्रह आश्रम फिर से स्थापित करवाया। बाद में इस आश्रम को नदी के नाम से साबरमती आश्रम कहा जाने लगा। कहते हैं कि इस आश्रम को इंजीनियर चार्ल्स कोरिया ने बनाया था।
 
21. गांधीजी अपने नकली दांत अपनी धोती में बांध कर रखा करते थे। केवल खाना खाते वक्त ही इनको लगाया करते थे।
 
22. कहते हैं कि उन्हें 5 बार नोबल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। 1948 में पुरस्कार मिलने से पहले ही उनकी हत्या हो गई।
 
23. महात्मा गांधी को पहली बार सुभाष चंद्र बोस ने 'राष्ट्रपिता' कहकर संबोधित किया था। 4 जून 1944 को सिंगापुर रेडिया से एक संदेश प्रसारित करते हुए 'राष्ट्रपिता' महात्मा गांधी कहा था।
 
 
24. महात्मा गांधी ने 1934 में भागलपुर में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए उन्होंने अपने ऑटोग्राफ के लिए पांच-पांच रुपये की राशि ली थी।
 
25. महात्मा गांधी जब वकालत करने लगे तो वह अपना पहला केस हार गए थे। भारत में कुल 53 बड़ी सड़कें महात्मा गांधी के नाम पर हैं। सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी कुल 48 सड़कों के नाम महात्मा गांधी के नाम पर हैं।


संकलन : अनिरुद्ध जोशी

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