महात्मा गांधी के 10 अनमोल वचन

Webdunia
Gandhi Jee Quotes
महात्मा गांधी एक नेता ही नहीं, बल्कि युगपुरुष थे। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक हैं। जिन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए देश आजादी दिलाई।

यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं महात्मा गांधी के 10 खास अनमोल वचन-
 
1. प्रार्थना मांगना नहीं है। यह आत्मा की लालसा है। यह हर रोज अपनी कमजोरियों की स्वीकारोक्ति है। प्रार्थना में बिना वचनों के मन लगाना, वचन होते हुए मन न लगाने से बेहतर है। 
 
2. चलिए सुबह का पहला काम ये करें कि इस दिन के लिए संकल्प करें कि मैं दुनिया में किसी से नहीं डरूंगा। नहीं, मैं केवल भगवान से डरूं। मैं किसी के प्रति बुरा भाव न रखूं। मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं। मैं असत्य को सत्य से जीतूं और असत्य का विरोध करते हुए मैं सभी कष्टों को सह सकूं। 
 
3. निर्मल अंत:करण को जो प्रतीत हो, वही सत्य है।
 
4. मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।
 
5. भूल करने में पाप तो है ही, परंतु उसे छुपाने में उससे भी बड़ा पाप है।
 
6. भविष्य में क्या होगा, मैं यह नहीं सोचना चाहता। मुझे वर्तमान की चिंता है। ईश्वर ने मुझे आने वाले क्षणों पर कोई नियंत्रण नहीं दिया है।

 
7. मैं हिन्दी के जरिए प्रांतीय भाषाओं को दबाना नहीं चाहता, किंतु उनके साथ हिन्दी को भी मिला देना चाहता हूं।
 
8. जो समय बचाते हैं, वे धन बचाते हैं और बचाया हुआ धन, कमाए हुए धन के बराबर है।
 
9. केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है जिसे आप दूसरों पर छिड़कें तो उसकी कुछ बूंदें अवश्य ही आप पर भी पड़ती हैं।
 
10. अपनी गलती को स्वीकारना झाडू लगाने के समान है, जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ कर देती है।

 
- राजश्री कासलीवाल 

ALSO READ: हिन्दी निबंध : महात्मा गांधी

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख