मंगल ग्रह सेवा संस्थान के पीआरओ शरद कुलकर्णी ने बताया कि यहां पर 72 कर्मचारी कार्य करते हैं। तहसील स्तर पर इतना बड़ा रोजगार उपलब्ध कराना इस मंदिर की बहुत बड़ी खासियत है। यहां के जो कर्मचारी काम करते हैं उनका सैलरी बैंक के माध्यम से दिया जाता है। इसमें उनका पीएफ कटता है, उनका ईएसआईसी है, उनका मेडिक्लेम पॉलिसी है। सरकार लोगों की पेंशन बंद कर रही है, लेकिन मंगल ग्रह संस्थान कर्मचारियों को पेंशन दे रही है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कर्मचारियों के जो बच्चों पढ़ते हैं, केजी 2 पीजी तक। उन बच्चों जो खर्च है वह पूरा का पूरा यह मंगल ग्रह संस्थान उठाता है। अपनी सैलरी में से जो पैसा खर्च होता है वह एक तो हेल्थ पर होता है और दूसरा एजुकेशन पर होता है। वह दोनों खर्चे संस्थान उठाती है। इसीलिए मंगल ग्रह सेवा संस्थान के कर्मचारी मंगल ग्रह सेवा संस्थान से डिवोशनली अटैच हैं। मंगल ग्रह संस्थान का जो उद्देश्य है वह है- स्वच्छता, नम्रता और पारदर्शकता। यह सारी चीजें यहां पर कर्मचारियों के माध्यम से देखने को मिलती है।
उल्लेखनीय है कि मंगल ग्रह मंदिर में प्रति मंगलवार को हजारों की संख्या में लोग मंगल दोष शांति के लिए अभिषेक कराने के लिए आते हैं। यहां पर ज्यादातर उन लोगों की संख्या होती है जो अविवाहित हैं, मांगलिक दोष से पीड़ित हैं या उनके वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या आ रही है।