क्या यह केवल अंधविश्वास है?
हालांकि कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं, लेकिन इसका आधार पूरी तरह से वैज्ञानिक है। शिशु को पुराने कपड़े पहनाना उसके स्वास्थ्य और त्वचा की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा, यह शिशु को गर्मी और आराम भी प्रदान करता है।
संक्रमण का खतरा होता है कम
जन्म के बाद शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, और नए कपड़ों में मौजूद कीटाणु या रसायन उसे संक्रमित कर सकते हैं। पुराने कपड़े अच्छी तरह से साफ किए जाते हैं और उनसे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है, जिससे शिशु को सुरक्षित रखा जा सकता है।
अतः यह कहा जा सकता है कि जन्म के तुरंत बाद शिशु को पुराने कपड़े पहनाना न केवल एक परंपरा है, बल्कि इसके पीछे स्वास्थ्य और सुरक्षा भी कारण हैं। यह कोई अंधविश्वास नहीं है, बल्कि एक सोच-समझकर अपनाई गई परंपरा है जो आज भी प्रासंगिक है।
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