बच्चों का व्यवहार बनने लगे शर्मिंदगी का कारण, तो अपनाएं ये टिप्स

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- मोनिका पाण्डेय  
 
समय के साथ बच्चों के व्यवहार में भी परिवर्तन आना बहुत ही सामान्य बात है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बच्चे अपने दोस्तों के साथ ही नहीं, बल्कि वो अपने पेरेंट्स के साथ भी बदतमीजी करना शुरू कर देते हैं और समय रहते उनको नहीं समझाया गया, तो वो अपनी बुरी आदतों को सुधार नहीं पाते हैं। जिसकी वजह से लोगों के सामने पेरेंट्स को शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। 
 
बच्चों का चिड़चिड़ा व्यवहार, किसी भी बात पर चिल्ला के बात करना, जुबान लड़ाना बच्चों की यह आदतें पेरेंट्स के शर्मिंदगी का कारण बन सकती हैं। अगर आप भी अपने बच्चों की बेकार आदतों से परेशान हैं तो ये लेख आपके बच्चों की आदत सुधारने में आपकी मदद कर सकता है। 
 
बच्चों को सुने, उनसे बहस ना करें- 
 
अगर आप चाहती हैं कि आपका बच्चा जिद्दी न बने और वो आपकी बातें सुने तो इससे पहले आपको अपने बच्चे की बात सुननी होगी। मजबूत इच्छाशक्ति वाले बच्चों की राय भी बहुत मजबूत होती है और ऐसे में वो कई बार आपसे बहस करने लग जाते हैं, अगर आप उनकी बातों को ध्यान से नहीं सुनेंगे तो वो और ज्यादा जिद्दी हो जाएंगे। कभी भी गुस्से में अपने बच्चों से बात न करें। उनको सुनें।
 
बच्चों के साथ ज़बरदस्ती ना करें- 
 
जब आप अपने बच्चों के साथ किसी भी चीज को लेकर जबरदस्ती करते हैं, तो वे स्वभाव से चिड़चिड़े हो जाते हैं। जबरदस्ती से आपको समाधान तो मिल जाता है लेकिन आगे के लिए यह खतरनाक होता चला जाता है। बच्चों से जबरदस्ती काम करवाने से वे वही करने लगते हैं, जो काम करने के लिए उन्हें मना किया जाता है। इसलिए आप अपने बच्चों से कनेक्ट होने की कोशिश करें, उनसे जबरदस्ती करने के बजाय। 
 
बच्चों को कंपेयर न करें- 
 
अक्सर कई माता-पिता की यह आदत होती है कि वो अपने बच्चों को किसी और के बच्चों से कंपेयर करने लग जाते हैं। जिसकी वजह से कई बार बच्चों का आत्मविश्वास कम होने लग जाता है और वो खुद को दूसरों से काम आंकने लग जाते हैं। जिसका असर उनके व्यवहार में दिखाई देने लगता है। इसलिए आप बच्चों के बीच में तुलना न करें।

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