2013 में राजकमल प्रकाशन से हिंदी और अंग्रेजी में छपी यह किताब शुरू से ही चर्चा में रही है। यह दुनिया में अपने में एक अनूठा प्रयास रहा जिसमें तिहाड़ जेल की महिला कारागार नंबर 6 में कैद महिला कैदियों को कविता लेखन के लिए प्रेरित किया गया और बाद में चार महिला कैदियों (रमा चौहान, सीमा रघुवंशी, रिया शर्मा और आरती) की कविताओं का संकलन छापा गया। इन कविताओं में मानवाधिकार, कानून, समाज और न्याय को लेकर उनकी टीस को बखूबी समझा जा सकता है।
डॉ. वर्तिका नन्दा एक मीडिया यात्री, सामाजिक चिंतक, लेखिका और शिक्षक हैं। मीडिया शिक्षण और मी़डिया लेखन के जरिए वे महिला अपराध के प्रति सामाजिक जागरूकता लाने में लगातार सक्रिय रही हैं। इससे पहले उनकी किताब 'थी. हूं..रहूंगी...' खासी चर्चित रही है।