ऐजल। मिजोरम में कांग्रेस का चेहरा और चार बार के मुख्यमंत्री ललथनहवला राज्य की राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं और पिछले तीन दशक में सत्ता के गलियारों में आते जाते रहे हैं।
70 वर्षीय ललथनहवला राज्य के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विजय रथ पर सवार होकर पांचवीं बार मुख्यमंत्री की कुर्सी की तरफ बढ़ रहे हैं।
1984 में पहली बार इस पूर्वोत्तर राज्य के मुख्यमंत्री बने ललथनहवला ने सेरछिप और ह्रांगतुरजू से चुनाव लड़ा था और मंगलवार आए नतीजों में उन्हें दोनों ही स्थानों से विजेता घोषित किया गया। एक औसत सरकारी अधिकारी से प्रदेश कांग्रेस में शीर्ष स्तर तक पहुंचने की उनकी कहानी किसी परीकथा से कम नहीं है।
कांग्रेस के पोस्टर बॉय के तौर पर उन्होंने हर चुनाव में पार्टी की जीत की ताबीर लिखी और 1987 में इस पर्वतीय क्षेत्र को राज्य का दर्जा दिए जाने के बाद से यहां कांग्रेस की हर जीत में अहम भूमिका निभाई।ललथनहवला ने कई प्रकाशनों में पत्रकार के तौर पर कार्य किया। वे मिजोरम पत्रकार संघ के संस्थापक अध्यक्ष हैं।
उन्होंने मिजो जिला परिषद में इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल्स के कार्यालय में रिकॉर्डर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और 1963-64 में सहायक के तौर पर असम को-ऑपरेटिव अपेक्स बैंक से जुड़ गए। इस दौरान उन्होंने ऐजल कालेज से स्नातक की अपनी पढ़ाई पूरी की।
उस समय मिजोरम असम के तहत एक जिला परिषद हुआ करती थी और यहां अस्थिरता का माहौल था। ललदेंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) पृथक राज्य के लिए संघर्ष कर रहा था। (भाषा)