खेलों में नैतिकता और निष्पक्षता के पक्षधर वैश्विक आध्यात्मिक नेता और मानवतावादी, गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने कहा, 'अकादमी सभी के लिए उम्मीद जगा रही है। वर्तमान काल में युवा तनाव में हैं, ऐसे में आप उन्हें एक रास्ता दिखा रहे हैं। चाहे कुछ भी हो, जीवन में हर किसी को खेल भावना को जगाये रखने की जरूरत है। मन को पक्का और प्रसन्न रखना जरूरी है।
आज हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। आप आशा जगा रहे हैं और लोगों के लिए दरवाजे खोल रहे हैं। आप उन्हें जीवन का सम्मान करने और खिलाड़ी बनने के लिए प्रोत्साहित रहे हैं। खेल खेलने के लिए उत्साह, प्रेरणा और ध्यान की आवश्यकता होती है।'
उद्घाटन समारोह में वैश्विक आध्यात्मिक गुरु और मानवतावादी गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर के साथ भारतीय पैरालंपिक समिति के एथलेटिक्स अध्यक्ष श्री सत्यनारायण, पूर्व सैनिक और टोक्यो पैरालिंपिक के मुख्य वर्गीकरणकर्ता और चिकित्सा निदेशक डॉ. अमेया, बीबीएमपी कॉर्पोरेटर एवं पूर्व के.पी.एस.ई सदस्य डॉ. मंगल श्रीधर, सुमधुरा समूह के सी.ओ.ओ श्री गिरिधर कुमार बी, सुमधुरा समूह की स्थिरता और सी.एस.आर प्रमुख श्रीमती जीवना कलाकुंडला और टी.सी.एफ.एम एम्बेसी ग्रुप की सी.ई.ओ श्रीमती अश्विनी वालावलकर सम्मिलित रहे।
भारतीय पैरालंपिक समिति के एथलेटिक्स के अध्यक्ष श्री सत्यनारायण ने कहा, 'गुरुदेव श्री श्री रविशंकर अपने आश्रम में कई वर्षों से खेलों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'आज, पैरा ओलंपिक खेलों को हर जगह बहुत प्रोत्साहन मिल रहा है। पहले ऐसा कोई प्रोत्साहन नहीं था। अब सरकार भी काफी प्रोत्साहित कर रही है। दिव्यांग एथलीटों के लिए आवश्यक है कि वे प्रतिदिन नियमित रूप से अभ्यास करें।'