Regional Navratri dishes: नवरात्रि का पर्व पूरे भारत में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, और हर क्षेत्र की अपनी खास परंपराएं और व्यंजन होते हैं। जहां उत्तर भारत में व्रत और उपवास पर जोर दिया जाता है, वहीं पूर्वी और दक्षिणी भारत में मांसाहार सहित विभिन्न तरह के पकवानों का चलन है।ALSO READ: Shardiya navratri 2025: मालवा के 8 खास दुर्गा मंदिर, जहां जाकर होगी मन्नत पूरी
आइए, कुछ प्रमुख क्षेत्रों के नवरात्रि उत्सव और उनके व्यंजनों की विशेषताओं पर एक नजर डालते हैं:
1. उत्तर भारत (दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब): उत्तर भारत में नवरात्रि का उत्सव मुख्य रूप से उपवास और मां दुर्गा की पूजा से जुड़ा है। यहां के लोग नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और सात्विक भोजन करते हैं।
उत्सव की विशेषताएं: रामलीला का मंचन, दशहरे के दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन। अष्टमी या नवमी को कन्या पूजन का आयोजन।
स्थानीय व्यंजन:
कुट्टू की पूड़ी और सिंघाड़े का हलवा: कुट्टू का आटा (buckwheat flour) और सिंघाड़े का आटा (water chestnut flour) व्रत के दौरान बहुत इस्तेमाल होता है। इनसे पूड़ी, पराठे और हलवा बनाया जाता है।
साबूदाना खिचड़ी और वड़ा: ये महाराष्ट्र की तरह यहां भी लोकप्रिय हैं। इन्हें सेंधा नमक, मूंगफली और काली मिर्च के साथ बनाया जाता है।
आलू की सब्जी और दही: व्रत के दौरान आलू की सूखी या तरी वाली सब्जी बनाई जाती है, जिसे दही के साथ खाया जाता है।
समा के चावल का पुलाव: यह एक तरह का फलाहारी चावल है, जिसे पुलाव या खिचड़ी के रूप में बनाया जाता है।
2. गुजरात: गुजरात में नवरात्रि का मतलब है 'गरबा' और 'डांडिया रास'। यह उत्सव यहां का सबसे बड़ा और रंगीन त्योहार माना जाता है।
उत्सव की विशेषताएं: रंग-बिरंगे कपड़ों में सजे लोग रात भर गरबा और डांडिया करते हैं। आरती के बाद गरबा मंडलियों में प्रसाद बांटा जाता है।
स्थानीय व्यंजन:
ढोकला और खांडवी: गुजरात में नवरात्रि के व्रत के दौरान भी ढोकला और खांडवी जैसे स्वादिष्ट स्नैक्स बनाए जाते हैं, लेकिन इन्हें फलाहारी सामग्री से बनाया जाता है।
फरारी पकोड़े और आलू की सब्जी: ये व्रत के दौरान खाए जाने वाले लोकप्रिय पकवान हैं।
थालीपीठ: यह एक तरह की रोटी होती है, जो राजगिरा (amaranth), साबूदाना और कुट्टू के आटे से बनती है।
शिखंड/श्रीखंड: यह दही से बनी एक मीठी डिश है, जिसे इलायची और केसर के साथ खाया जाता है।
3. महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में नवरात्रि की शुरुआत 'घटस्थापना' से होती है और यह देवी की पूजा और व्रत पर केंद्रित होता है।
उत्सव की विशेषताएं: घटस्थापना के बाद नौ दिनों तक मां की पूजा होती है। इस दौरान महिलाएं नौ दिनों तक अलग-अलग रंगों की साड़ी पहनती हैं।
स्थानीय व्यंजन:
साबूदाना खिचड़ी: यह महाराष्ट्र का सबसे लोकप्रिय फलाहारी व्यंजन है। इसे साबूदाना, मूंगफली और आलू से बनाया जाता है।
साबूदाना वड़ा: यह एक कुरकुरा और स्वादिष्ट स्नैक है, जो व्रत के दौरान ऊर्जा देता है।
राजगिरा थालीपीठ: यह थालीपीठ राजगिरा के आटे से बनाया जाता है और इसे दही के साथ परोसा जाता है।
सुरण (Yam) और रताळे (Sweet Potato) की सब्जी: इन सब्जियों का इस्तेमाल व्रत के भोजन में खूब होता है।
4. पश्चिम बंगाल (दुर्गा पूजा): पश्चिम बंगाल में नवरात्रि को 'दुर्गा पूजा' के रूप में मनाया जाता है, जो एक बड़ा सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव है। यहां व्रत से ज्यादा भोग और उत्सव पर ध्यान दिया जाता है।
भोग की खिचड़ी (Bhoger Khichuri): यह प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाने वाली एक विशेष खिचड़ी है, जिसे गोविंद भोग चावल और दाल के साथ बनाया जाता है।
लाबरा (Labra): यह एक मिश्रित सब्जी है, जिसमें कद्दू, आलू, बैंगन और अन्य मौसमी सब्जियों का उपयोग होता है।
लौकी और आलू का तरकारी: ये भी भोग के महत्वपूर्ण हिस्से हैं।
मिष्टि दोई और पायेश: मीठे में मिष्टि दोई (मीठा दही) और पायेश (खीर) का भोग लगाया जाता है।
5. दक्षिण भारत (तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश): दक्षिण भारत में नवरात्रि का उत्सव 'बोंमालु गोलू' और 'आयुध पूजा' पर केंद्रित होता है।
उत्सव की विशेषताएं: घरों में 'गोलू' (Golu) नामक गुड़ियों का प्रदर्शन किया जाता है, जिसमें देवी-देवताओं और पौराणिक कथाओं से जुड़ी गुड़ियों को सजाया जाता है। कर्नाटक में 'आयुध पूजा' का विशेष महत्व है, जहां लोग अपने औजारों और वाहनों की पूजा करते हैं।
स्थानीय व्यंजन:
सुंदल (Sundal): यह नवरात्रि के दौरान बनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्यंजन है। इसमें विभिन्न प्रकार की फलियों (जैसे चना, मूंग) को उबालकर मसालों और नारियल के साथ छौंक लगाया जाता है।
पायसम (Payasam): यह चावल, दाल या सेवई से बनी एक तरह की खीर है, जिसे प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।
केसरी (Kesari) और रवा लाडू (Rava Ladoo): ये मीठे पकवान भी गोलू के दौरान बनाए जाते हैं।
यह विविधता दिखाती है कि कैसे एक ही त्योहार पूरे देश में विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के साथ घुल-मिलकर अलग-अलग रंग बिखेरता है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Navratri Tips 2025: नवरात्रि में क्या करें और क्या न करें?